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अजमेर

दहेज प्रथा : हर माह एक विवाहिता की हत्या, प्रताडऩा मामलों में नहीं आई कमी,कानून को ठेंगा

बालिकाओं से जुड़े अधिकारों की तस्वीर डरावनी,दहेज हत्या के मामले घटने की बजाए बढ़े,दहेज के नाम तलाक के मामले भी बढ़े हैं
 

अजमेरJan 11, 2021 / 01:38 am

suresh bharti

दहेज प्रथा : हर माह एक विवाहिता की हत्या, प्रताडऩा मामलों में नहीं आई कमी,कानून को ठेंगा

दहेज प्रथा : हर माह एक विवाहिता की हत्या, प्रताडऩा मामलों में नहीं आई कमी,कानून को ठेंगा

अजमेर/चूरू. दहेज प्रथा के खिलाफ भले ही कानून बन गया हो। पुलिस व अदालत कार्रवाई भी करती है। सामाजिक संगठन भी इस कुप्रथा के खिलाफ हैं। समाज में फैसले भी होते हैं। इसके बावजूद दहेज प्रताडऩा के मामले कम नहीं हो रहे। हर पिता अपनी हैसियत के हिसाब से बेटी का कन्यादान करता है। विवाह में दहेज का स्वरूप बदल गया है। अब नकदी की चोरीछिपे बातें होती है। पुलिस थानों में दहेज हत्या व प्रताडऩा के आंकड़े तो यही बता रहे हैं। चूरू जिला भी इससे अछूता नहीं है।
12 विवाहिताएं दहेज की बलि वेदी पर चढ़ गई

चूरू जिले में साल 2020 में जनवरी से लेकर दिसम्बर तक 12 विवाहिताएं दहेज की बलि वेदी पर चढ़ गई। मतलब हर माह एक विवाहिता की मौत दहेज की मांग पूरी नहीं करने पर हुई। वहीं दर्जनों ऐसे जोड़े भी हैं, जिनकी शादियां टूटने के कगार पर पहुंच गई है। तमाम कानून व सामाजिक संगठनों की ओर से जागरुकता अभियान चलाए जाने के बाद भी दहेज प्रथा पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। मामले घटने के बजाए बढ़ते जा रहे हैं।
तीन साल में 37 मौतें

इधर, अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर बालिकाओं से जुड़े कानूनों व अधिकारों की बड़ी-बड़ी बातें की जाती है, लेकिन जमीनी हकीकत काफी डरावनी है। आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2018 में 12 एवं वर्ष 2019 के अन्दर 13 विवाहिताओं को जान देनी पड़ी। वर्ष 2020 में चूरू जिले के विभिन्न थानों में 12 मामले दर्ज कराए गए। हालांकि पुलिस की जांच में पांच मामले झूठे पाए गए हैं।
दहेज प्रताडऩा के 377 मामले दर्ज

आंकड़ों पर नजर डाले तो जिले में गत वर्ष भीतर विभिन्न थानों में 377 मामले दहेज प्रताडऩा के मामले दर्ज हो चुके हैं। बात करें 2108 में 417, वर्ष 2019 में 464 हुए थे। दहेज एक्ट में ***** रहे द पत्तियों के घर टूटने की कगार पर हैं। दूसरी तरफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाले भी लगातार सामने आ रहे हैं। वर्ष 2019 के मुकाबले में वर्ष 2020 में मामलों में इजाफा हुआ है। वर्ष 2018 में 4, 2019 में 4 व वर्ष 2020 में जनवरी माह से लेकर दिसम्बर तक छह मामले दर्ज हुए।
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