बयान पर बवाल
बीजेपी की निलम्बित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में अजमेर में समुदाय विशेष ने 17 जून को मौन जुलूस निकाला। दरगाह के निजामगेट से निकाले जाने वाले इस जुलूस को प्रशासन ने सशर्त इजाजत दी। जुलूस में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। पुलिस के अनुसार जुलूस शुरू होने से ठीक पहले गौहर चिश्ती ने निजामगेट से तकरीर देने के बाद विवादित नारा-सर तन से जुदा …लगाया। यहां मौजूद लोगों ने भी गौहर के नारे पर गौर किए बगैर आवाज में आवाज मिला दी। नारेबाजी पर पुलिस अफसरों ने नाराजगी जाहिर की तो आपसी समझाइश से मामला निपट गया। बिगड़े माहौल व सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो और मैसेज पर पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए गौहर चिश्ती व 15-20 अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया।
एक दिन पहले रचा षड्यंत्र
पुलिस पड़ताल में सामने आया कि विवादित नारे लगाने का षड्यंत्र जुलूस निकाले जाने के एक दिन पहले यानी 16 जून को गौहर चिश्ती और उसके साथियों ने रच लिया था। साजिश के तहत ही गौहर चिश्ती ने तकरीर के बाद आपत्तिजनक नारा लगाया।
अजमेर कनेक्शन की भी जांच
उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड के तार को अजमेर से जोड़कर भी देखा जा रहा है। उदयपुर पुलिस की प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया कि हत्या की वारदात से पहले आरोपी गौस मोहम्मद और रियाज अख्तर ने 17 जून को ही सोशल मीडिया पर नारे लगाते हुए वीडियो वायरल किया था। ठीक इससे पहले दरगाह के निजाम गेट के बाहर आपत्तिजनक नारे गूंजे थे। पुलिस गौहर चिश्ती व अन्य के तार गौस मोहम्मद व रियाज अख्तर से जोड़कर देख रही है।
इनका कहना है….
मौन जुलूस में नारेबाजी करने के मामले में दर्ज प्रकरण में चार जनों को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी गौहर चिश्ती समेत 15-20 अन्य की तलाश की जा रही है। उदयपुर हत्या के संबंध में प्रकरण में पड़ताल की जा रही है।
– सुमित सारस्वत, वृत्ताधिकारी दरगाह अजमेर