पेयजल की ये जांचें होंगी उपलब्ध टरबीडिटी, पीएच, टीडीएस, टोटल एल्केलाइन, क्लोराइड, फ्लोराइड, नाइट्रेट, सल्फेट, टोटल हार्डनेस एंड रेजीडुअल क्लोरीन और पानी में किसी भी तरह के बैक्टीरिया का पता करने के लिए कोलीफार्म और ई-कोली जांच होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिवर्ष पानी के 3 हजार नमूनों की जांच की जाएगी
– नमूनों की जीओ टेगिंग होगी – प्रयोगशाला स्थापित करने वाली फर्म को भवन और बिजली उपलबप्ध करवाई जाएगी। पेट की बीमारियों से होगा बचाव ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे जयादा समस्या दूषित जल के सेवन की होती है। लोग उल्टी-दस्त और पेट की अन्य जानलेवा बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं। उन्हें खराब आर्थिक स्थिति के बीच मोटा पैसा अपने इलाज पर खर्च करना होता है। पानी की टोटल कॉलोफार्म और ई-कोली जांच से ग्रामीणों को पेट की इन जानलेवा बीमारियों से बचाया जा सकेगा।