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अजमेर

खेतों में रखे ट्रांसफॉर्मर बन रहे खतरा

विद्युत निगम की लापरवाही बन रही घातक विद्युत निगम की निरंतर लापरवाही अब क्षेत्र की जनता के लिए बड़ा खतरा पैदा कर रही है। जहां जमीनों पर रखे ट्रांसफॉर्मर मानसूनी मौसम में कभी भी हादसे की आशंका बनी हुई है। सबसे अधिक मवेशी चपेट में आकर मारे जा रहे है, लेकिन निगम केवल आश्वासन देकर अपना पल्ला झाड़ लेता है।

अजमेरJul 31, 2020 / 11:05 pm

Dilip

खेतों में रखे ट्रांसफॉर्मर बन रहे खतरा

खेतों में रखे ट्रांसफॉर्मर बन रहे खतरा

राजाखेड़ा. विद्युत निगम की निरंतर लापरवाही अब क्षेत्र की जनता के लिए बड़ा खतरा पैदा कर रही है। जहां जमीनों पर रखे ट्रांसफॉर्मर मानसूनी मौसम में कभी भी हादसे की आशंका बनी हुई है। सबसे अधिक मवेशी चपेट में आकर मारे जा रहे है, लेकिन निगम केवल आश्वासन देकर अपना पल्ला झाड़ लेता है।
फिर एक नए हादसे का इंतजार

ट्रांसफॉर्मर की संख्या कितनी है इसका अनुमान भी निगम को नहीं है। मानसून एक बार फिर दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है। किसान को कनेक्शन जारी होने की सूचना मिलते ही कथित तौर पर एक रैकेट उसके पीछे लग जाता है, जो उसे तुरंत सामान दिलाने का झांसा देकर उसका शोषण करता है।
जमीन पर ही रखना पड़ता है ट्रांसफार्मर

कनेक्शन के लिए उसे ट्रेक्टर ट्रॉली लेकर आने को कहा जाता है। खंभे, ट्रांसफॉर्मर और तार ही उपलब्ध कराया जाता है, शेष इंस्टालेशन के समान का स्टोर में न होने की कहा जाता है लेकिन आवेदन से ट्रांसफॉर्मर लगवाने तक के दौरान निगम कार्यालय के चक्कर लगा लगा कर वह इतना परेशान हो चुका होता है कि उसे जितना समान मिलता है, उसी को लेकर निकल जाता है। जिससे अपनी फसलों को पानी दे सके। ऐसे में वह जल्दबाजी में खेत पर जाकर जैसे भी होता है, अपने कनेक्शन को चालू कर लेता है। संसाधनों के अभाव में ट्रांसफॉर्मर जमीन पर ही रखा रह जाता है। सारे प्रकरण में निगम की लापरवाही व कर्मचारियों की बिचौलियों से मिलीभगत के चलते कनेक्शन के सारे काम किसान खुद ही करता है। जिसका दुष्परिणाम दुर्घटनाओं के रूप में सामने आता है।
दर्जनों दुर्घटनाएं

जमीन पर खुले या कांटों के बीच रखे ट्रांसफॉर्मर लंबे समय से हादसों का कारण रहे हैं। लेकिन मानसून आते ही हरबार की तरह ये लोगों की निगाहों में ज्यादा आ जाते हैं, क्योंकि इसी समय दुर्घटनाओं की दर यकायक बढ़ जाती है। पिछले एक महीने में ही आधा दर्जन दुर्घटनाओं में गरीब किसान अपनी रोजी रोटी का बड़ा सहारा कीमती और दुधारू जानवरो को खो चुके हैं। लेकिन निगम को अब तक ये भी नहीं पता कि ऐसे ट्रांसफॉर्मरों की संख्या क्षेत्र में कितनी हैं।
इनका कहना है

ऐसे सभी ट्रांसफॉर्मर की संख्या की सूची मांगी है। उनको सही तरीके से स्थापित किया जा सके। इसके लिए जल्द कार्याआदेश जारी किया जा सके।

बलवीर सिंह, कनिष्ठ अभियंता विद्युत निगम, राजाखेड़ा।

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