वर्तमान में केंद्रीय विश्वविद्यालयों और विभिन्न प्रदेशों में निजी/ सरकारी विश्वविद्यालयों में प्रवेश परीक्षा होती। इससे विद्यार्थियों को कला, वाणिज्य, विज्ञान, प्रबंधन, सामाजिक विज्ञान और अन्य कोर्स में दाखिले मिलते हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश परीक्षा लागू करने की योजना बनाई है। यूजीसी इसके नियम बनाने में जुट गया है।
….तो मदस विवि भी शामिल एन्ट्रेंस टेस्ट व्यवस्था लागू हुई तो इस में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय भी शामिल हो सकता है। यहां मैनेजमेंट, कॉमर्स, जूलॉजी-बॉटनी, पर्यावरण अध्ययन, फूड एंड न्यूट्रीशियन, रिमोट सेंसिंग, कम्प्यूटर, इतिहास, राजनीति विज्ञान, इकोनॉमिक्स, हिंदी, पत्रकारिता और अन्य कोर्स संचालित हैं। यहां विद्यार्थियों की संख्या 1100 से 1400 तक ही सिमटी हुई है। जबकि कई राज्यों में सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों में 10 से 30 हजार तक विद्यार्थी पढ़ते हैं।
पहले होता था एंट्रेंस टेस्ट एमडीएस विश्वविद्यालय ने पिछले 20 साल में दो-तीन बार स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एन्ट्रेंस टेस्ट कराए थे। जिन विभागों में विद्यार्थियों के आवेदन पर्याप्त मात्रा में मिले वहां टेस्ट कराया गया। लेकिन कई विभागों में गिनती लायक आवेदन भी नहीं मिल सके। ऐसे में एंट्रेंस टेस्ट योजना को बंद करना पड़ा था।
प्राइवेट यूनिवर्सिटी शामिल होंगी या नहीं…. प्राइवेट यूनिवर्सिटी एन्ट्रेंस एग्जाम योजना में शामिल होगी या नहीं इसका खुलासा फिलहाल नहीं किया गया है। देश के कई नामचीन प्राइवेट यूनिवर्सिटी में पहले ही एन्ट्रेंस टेस्ट से एडमिशन होते हैं। अन्य यूनिवर्सिटी में परसेंटाइल स्कीम से दाखिले दिए जाते हैं। प्राइवेट यूनिवर्सिटी किसी भी स्थिति में स्टूडेंट्स को छोडऩा नहीं चाहेंगी।
यह हो सकता है फायदा -केंद्रीकृत या विश्वविद्यालय स्तर पर होगी प्रवेश परीक्षा
-अखिल भारत स्तर से मिलेंगे विश्वविद्यालय को आवेदन-यूजीसी के निर्धारित नियमों के तहत होंगे प्रवेश -विश्वविद्यालय में बढ़ेगी विद्यार्थियों की संख्या
-उच्च स्तरीय कट-ऑफ जाने की प्रवृत्ति पर लगेगा अंकुश