कई कॉलेज और यूनिवर्सिटी विद्यार्थियों से प्रवेश फार्म के वक्त मूल शैक्षिक दस्तावेज जमा कराने को बाध्य करते हैं। इससे विद्यार्थी दूसरे पाठ्यक्रम अथवा संस्थाओं में आवेदन और नौकरी लगने पर दस्तावेज पेश नहीं कर पाते। यूजीसी ने विद्यार्थियों की परेशानियों को देखते हुए निर्देश जारी किए हैं। कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रवेश फार्म के साथ विद्यार्थियों की मूल अंकतालिका, स्कूल की टीसी, प्रमाण पत्र, व्यक्तिगत प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज देने के लिए बाध्य नहीं करेंगे। अंकतालिकाओं और प्रमाण पत्रों को विद्यार्थी स्वयं प्रमाणित कर प्रस्तुत कर सकेंगे।
एक साथ नहीं वसूलेंगे पूरी फीस कई कॉलेज और विश्वविद्यालय विद्यार्थियों की पूरी फीस हड़प लेते हैं। इससे विद्यार्थियों को नुकसान होता है। यूजीसी ने कॉलेज और विश्वविद्यालयों की इस प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया है। यूजीसी के अनुसार कोई संस्था एक सत्र में संचालित सेमेस्टर अथवा पाठ्यक्रम की फीस ही वसूल सकेगी। पूरे कोर्स (प्रथम से तृतीय वर्ष अथवा स्नातकोत्तर पूर्वाद्र्ध और उत्तर्राद्र्ध) की फीस एक साथ नहीं ली जा सकेगी।
जून में शुरू होंगे दाखिले
जून में सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटी में एडमिशन शुरू होंगे। बारहवीं क्लास के बच्चे कॉलेज में फस्र्ट ईयर और बीए, बीएससी, बी.कॉम पास करने वाले और इस साल परीक्षा दे चुके स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी और कॉलेज में पोस्ट ग्रेज्युएशन कोर्स में एडमिशन लेंगे। कई बार इन स्टूडेंट्स की ओरिजनल मार्कशीट समय पर नहीं मिल पाती है। स्टूडेंट्स इंटरनेट से डाउनलोड मार्कशीट लगाते हैं। इंस्टीट्यूट इन्हीं मामलों को लेकर स्टूडेंट्स को परेशान करते हैं।
प्राइवेट संस्थानों पर नजर
यूजीसी की प्राइवेट संस्थाओं पर इस बार विशेष नजर है। यह संस्थाएं स्टूडेंट्स से फीस वसूलने में पीछे नहीं रहती हैं। किसी स्टूडेंट का अन्यत्र प्रवेश होने पर यह फीस भी नहीं लौटाती हैं। इसके चलते यूजीसी सत्र 2018-19 में खास निगरानी रखेगी। कोई शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई होगी।