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वैक्सीनेशन, ड्रॉप आउट बच्चों को जागरूक करने की जरूरत

locationअजमेरPublished: Jan 16, 2022 12:06:56 am

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करीब 70 हजार किशोर वय बच्चों को लग चुकी वैक्सीन

वैक्सीनेशन, ड्रॉप आउट बच्चों को जागरूक करने की जरूरत

वैक्सीनेशन, ड्रॉप आउट बच्चों को जागरूक करने की जरूरत

चन्द्र प्रकाश जोशी

अजमेर. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू करने के बाद 15-18 वर्ष आयुवर्ग के स्कूल व कॉलेज विद्यार्थियों को वैक्सीन लगाई जाने के बीच ही हजारों बच्चे ऐसे हैं जिनको सुरक्षा कवच के दायरे में लाने के लिए उन बच्चों व अभिभावकों को जागरूक करने की चुनौती है। स्कूल छोडऩे वाले ड्रॉप आउट बच्चे वैक्सीन के लिए चिकित्सा संस्थानों तक नहीं पहुंच रहे हैं।
अजमेर जिले के विभिन्न ब्लॉक में कोविड काल में सैकड़ों बच्चे ऐसे हैं जो पढ़ाई छोड़ चुके हैं। कुछ पिछले तीन वर्षों में स्कूल छोड़ चुके हैं। इन बच्चों व अभिभावकों में शिक्षा के साथ वैक्सीन के प्रति जागरूक किया जाना भी आवश्यक है। इनके लिए समाजसेवी संस्था, एनजीओ व चिकित्सा विभाग की टीमें संयुक्त रूप से काम कर सकती है।
केस : स्कूल छोड़ चुका, नहीं लगी वैक्सीन
हाथ ठेले पर लहसुन बेचने वाले मुनेश ने बताया कि वह पढ़ाई छोड़ चुका है। उसे अभी तक वैक्सीन नहीं लगी है। वैक्सीन संबंधी उसे जानकारी भी नहीं है। अगर आप वैक्सीन लगवाते हैं तो घर वालों से पूछकर लगवा लूंगा।
बच्चों में वैक्सीनेशन की स्थिति

अजमेर जिले में 15 से 18 आयु वर्ग तक के करीब 70 हजार बच्चों को वैक्सीन लगी है। वैक्सीनेशन कार्य जारी है।

ड्रॉप आउट बच्चों की स्थिति (वर्ष 2020-2021)
ब्लॉक ड्रॉप आउट
अजमेर 166
अरांई 98

भिनाय 232
जवाजा 179

केकड़ी 115
किशनगढ़ 124

मसूदा 294
पीसांगन 320

सरवाड़ 61
श्रीनगर 428

कुल 2007
(इनमें सत्र 2020-21 में व इससे पूर्व स्कूल छोड़ चुके बच्चे शामिल)

इस वर्ष ड्रॉप आउट की स्थिति
वर्ष 2021-22 में जिलेभर में 1307 बच्चे हाल ही ड्रॉप आउट चिह्नित किए गए हैं। जबकि 666 बच्चे ऐसे हैं जो इससे पूर्व ही मुख्यधारा से ड्रॉप आउट हो गए हैं।
यह हो व्यवस्था
ड्रॉप आउट बच्चों के लिए डिस्पेंसरी अनुसार कच्ची बस्तियों, ग्रामीण क्षेत्रों में मोहल्लेवार सर्वे व वैक्सीनेशन को गति देनी चाहिए।

इसलिए जरूरी इनका वैक्सीनेशन
-बच्चों व उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा।
-रोजी-रोटी के लिए बालश्रम से जुड़े हैं कई बच्चे, संक्रमित होने का खतरा।
-तीसरी लहर में बच्चों पर अधिक प्रभाव की संभावना।

इनका कहना है

जो बच्चे स्कूल छोड़ चुके हैं, वे या उनके अभिभावक आयु का कोई भी दस्तावेज लेकर नजदीकी चिकित्सा संस्थान में पहुंचते हैं तो उनके वैक्सीन लगाने की व्यवस्था की गई है।
डॉ.के.के. सोनी, सीएमएचओ

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