scriptबोला रामपाल… फोन में चैट देखकर या बिना देखे करता हूं डिलीट… | VC trap case: Rampal singh delete mobile chats | Patrika News
अजमेर

बोला रामपाल… फोन में चैट देखकर या बिना देखे करता हूं डिलीट…

एसीबी की एफआईआर में चैटिंग और सैटिंग का ब्यौरा।

अजमेरSep 18, 2020 / 05:41 am

raktim tiwari

mdsu VC case

mdsu VC case

रक्तिम तिवारी/अजमेर.

महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय का घूसकांड पिछले चार-पांच महीने से जारी था। निलंबित कुलपति का दलाल रणजीत अधिकारियों/कर्मचारियों से बेरोकटोक कॉलेज की फाइल मंगवाता था। वह बाकायदा फाइलों के लिए निर्देश भी देता था। कॉलेजों से लेन-देन की सैटिंग और चैटिंग का यह ब्यौरा एसीबी की एफआईआर में दर्ज है।
साहब पूछ रहे वर्कलोड के बारे में
6 अगस्त 2020 (12:40:47) पर रणजीत (7023814102) और कॉलेज प्रतिनिधि राजेंद्र (9664423724) के बीच बातचीत हो रही है। रणजीत कहता है…वो क्या कह रहा है। राजेंद्र कहता है…अन्य व्यक्ति के पास अभी पैसा नहीं है। रणजीत कहता है…उसको कहना तुम्हारे मामले में बात हो गई है। या तो 1500-2000 रुपए प्रति छात्र दे दो या एक फिक्स अमाउन्ट 5 से 6 लाख रुपए दे जाए….। पांच लाख उसके दे देंगे और 1.5-2 लख रुपए हम रखेंगे। आगे रणजीत कहता है….साहब वर्कलोड के बारे में पूछ रहे थे कि राजेंद्र से बात हुई क्या?
रजिस्ट्रार बाहर, डीवाई रजिस्ट्रार भी नहीं…
आर. पी. सिंह और उसका दलाल रणजीत का नेटवर्क बराबर सक्रिय था। वे कॉलेजों से सीट वृद्धि, सम्बद्धता और परीक्षाओं गड़बड़ी की डील में जुटे थे। 2 सितंबर 2020 (10:51:45) पर रणजीत (9837755554) और मनीष सेठी (9214015958) के बातचीत होती है। मनीष….फाइनल ईयर एग्जाम और एमसीए के बच्चे उसके यहीं रहने के बारे में पूछता है…। रणजीत…एमसीए के बच्चे उसके यहीं रहने का एश्योरेंस देता है। मनीष द्वारा सीट अभिवृद्धि पर रणजीत कहता है…रजिस्ट्रार साहब बाहर गए हैं…कोई डीवाई रजिस्ट्रार भी नहीं है…..अब राव साहब को नियुक्त कर दिया है…। आपकी फाइल निकलवा देंगे।
जैसे ही आप डालोगे आ जाएगा मैसेज…
रणजीत कॉलेजों से सीधे खाते में राशि मंगवाता था। 2 सितंबर 2020 (10.58:30) पर रणजीत (9837755554) और मनीष सेठी (9214015958) की बातचीत होती है। रणजीत मनीष को अकाउन्ट डिटेल भेजने और मनीष डिटेल सही होने के बारे में पूछता है। रणजीत कहता है..डिटेल बिल्कु ठीक है, जैसे हीआप डालोगे मेरे पास मैसेज आ जाएगा..आप तो इसमें भेज दो। 16:29:37 पर रणजीत फिर मनीष से संपर्क करता है। रणजीत….पैसे एकाउन्ट में नहीं पहुंचे हैं….। मनीष…हमारे यहां से कट गए……। रणजीत…कितने डलवाए हैं…..। मनीष…फोर्टी उस फाइल की डलवाने की….।
जिससे डील, वही काम करता कुलपति
एफआई में लिखा है….यूनिवर्सिटी में बगैर घूस कोई कामकाज नहीं हो रहा था। रणजीत कॉलेजों को मान्यता, सम्बद्धता, वर्कलोड, सीट अभिवृद्धि, परीक्षा केंद्र आवंटन, निरीक्षण पैनल के राशि मांगता और प्राप्त करता था….। जिन कॉलेज से डील हो जाती…उन सभी के कार्य कुलपति द्वारा स्वीकृत कर दिए जाते। रणजीत सिंह आर. पी.सिंह के दफ्तर में निजी सुरक्षा/क्लर्क-कुलपतिके लिए नियुक्त होकर उनके बगल के कमरे में बैठता था।
चैट देखकर या बिना देखे कर देता हूं डिलीट…
7 सिंतबर को एसीबी की ट्रेप कार्रवाई के दौरान आर. पी.सिंह खुद को निर्दोष बताता रहा। एसीबी ने सिंह को रणजीत के मोबानल नंबर से उसके मोबाइल पर वॉट्सएप चैटिंग दिखाई…। आर. पी. सिंह….इनके द्वारा मेरे से कोई वॉट्सएप चैटिंग नही की गई..। रणजीत के मोबाइल (9837755554) से वॉट्सएप सिंह के मोबाइल (9672965888) पर वॉट्सएप चैट (जो आर. पी.सिंह द्वारा रीड किया जाना दिखाई दिया)। के बारे में एसीबी ने पूछा। एसीबी…कॉलेज के एफिलिएशन और केंद्र के बारे में जो वॉट्सएप चैट की गई है…वह आपके द्वारा देखी गई है….। आर.पी.सिंह….मैं मेरे फोन में चैट देखकर या बिना देखी डिलीट कर देता हूं…। यहां एसीबी लिखती है….आर.पी.सिंह के मोबाइल नंबर पर रणजीत सिंह द्वारा की गई चैटिंग पूर्णतया: इरेज होना पाई गई।

Home / Ajmer / बोला रामपाल… फोन में चैट देखकर या बिना देखे करता हूं डिलीट…

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो