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अजमेर

COVID-19 ग्रामीणों को भारी पड़ रहा मुफ्त का राशन

पंचायत मुख्यालय से ही राशन लेने की बाध्यता ने छुड़ाए पसीने, गांवों में यातायात के साधन बंद होने से भीषण गर्मी में बढ़ी परेशानी

अजमेरJun 13, 2020 / 01:01 am

manish Singh

COVID-19 ग्रामीणों को भारी पड़ रहा मुफ्त का राशन

COVID-19 ग्रामीणों को भारी पड़ रहा मुफ्त का राशन

अजमेर. प्रवासी व विशेष श्रेणी के खाद्य सुरक्षा योजना से वंचितों को मुफ्त में राशन का गेहूं व चना लेने के लिए भीषण गर्मी में पंचायत मुख्यालय तक जाना होगा। रसद विभाग ने अजमेर जिले में चिह्नित 1.97 लाख परिवारों को ग्राम पंचायत मुख्यालय की राशन की दुकान से राशन वितरण का निर्णय लिया है। संसाधन के अभाव में विभाग का निर्णय प्रवासियों व विशेष श्रेणी के चिह्नित परिवारों के लिए दुविधा बन चुका है।
कोरोना महामारी में केन्द्र सरकार ने प्रवासियों व खाद्य सुरक्षा योजना से वंचित विशेष श्रेणी के परिवारों के लिए दस किलो प्रति व्यक्ति गेहूं व प्रति परिवार एक किलो चना राशन की दुकान से 12 से 17 जून के नि:शुल्क वितरण की व्यवस्था की है। रसद विभाग ने जिले में चिह्नित 1 लाख 97 हजार प्रवासियों और विशेष श्रेणी के परिवारों को पंचायत मुख्यालय से ही राशन सामग्री देने का निर्णय किया। भीषण गर्मी में रसद विभाग की व्यवस्था से प्रवासियों व विशेष श्रेणी के परिवारों को ग्रामीण क्षेत्र में फिलहाल यातायात के साधन उपलब्ध नहीं होने से अत्यधिक परेशानी हो रही है।
…कैसे आएगा राशन
योजना में चिह्नित किसी परिवार में 5 या उससे अधिक सदस्य होने पर पचास किलो से ज्यादा गेहूं को 8 से 12 किमी. तक सिर पर ढोकर लाना होगा। किराए का वाहन करने पर गेहूं बाजार की दर पर ही पड़ेगा।
केस-1

-सेंदरिया ग्राम पंचायत में आने वाले बडग़ांव की दूरी 7 किमी.। गांव के बीच आने-जाने का कोई साधन नहीं।

केस-2
श्रीनगर ग्राम पंचायत में लीरी का बाडिय़ा गांव की दूरी 8 किमी.। यह आठ किमी. पहाड़ी व जंगल है। रोडवेज बस सेवा बंद है।
केस-3

पालरा ग्राम पंचायत का खाजपुरा गांव। पंचायत मुख्यालय से खाजपुरा करीब 12 से 14 किमी. है। आवागमन का कोई साधन नहीं।

इनका कहना है

रसद विभाग ने दुकानें चिह्नित की हैं। प्रवासी व विशेष चिह्नित परिवार को एक बार ही लेना है। ज्यादा लोग नहीं हैं। ऐसे में पंचायत मुख्यालय से व्यवस्था की गई है। ग्राम पंचायत स्तर पर भी व्यवस्था कर ली जाएगी।
अंकित पचार, जिला रसद अधिकारी
सरकार ने प्रवासी व विशेष श्रेणी के परिवारों को दो माह का मुफ्त राशन देने की व्यवस्था की है लेकिन रसद विभाग ने राशन लेने के लिए पंचायत मुख्यालय आने की बाध्यता लागू कर दी। जिले में सैकड़ों ग्राम पंचायत में सैकड़ों गांव और ढाणियों के बीच की दूरी काफी है। बिना संसाधन के प्रवासी राशन लेने कैसे पहुंच पाएंगे। जिला कलक्टर को स्थानीय राशन विक्रेता के जरिए राशन वितरण की व्यवस्था करनी चाहिए।
घनश्याम जांगिड़, पूर्व सरपंच सेंदरिया

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