…कैसे आएगा राशन
योजना में चिह्नित किसी परिवार में 5 या उससे अधिक सदस्य होने पर पचास किलो से ज्यादा गेहूं को 8 से 12 किमी. तक सिर पर ढोकर लाना होगा। किराए का वाहन करने पर गेहूं बाजार की दर पर ही पड़ेगा।
केस-1 -सेंदरिया ग्राम पंचायत में आने वाले बडग़ांव की दूरी 7 किमी.। गांव के बीच आने-जाने का कोई साधन नहीं। केस-2
श्रीनगर ग्राम पंचायत में लीरी का बाडिय़ा गांव की दूरी 8 किमी.। यह आठ किमी. पहाड़ी व जंगल है। रोडवेज बस सेवा बंद है।
केस-3 पालरा ग्राम पंचायत का खाजपुरा गांव। पंचायत मुख्यालय से खाजपुरा करीब 12 से 14 किमी. है। आवागमन का कोई साधन नहीं। इनका कहना है रसद विभाग ने दुकानें चिह्नित की हैं। प्रवासी व विशेष चिह्नित परिवार को एक बार ही लेना है। ज्यादा लोग नहीं हैं। ऐसे में पंचायत मुख्यालय से व्यवस्था की गई है। ग्राम पंचायत स्तर पर भी व्यवस्था कर ली जाएगी।
अंकित पचार, जिला रसद अधिकारी
सरकार ने प्रवासी व विशेष श्रेणी के परिवारों को दो माह का मुफ्त राशन देने की व्यवस्था की है लेकिन रसद विभाग ने राशन लेने के लिए पंचायत मुख्यालय आने की बाध्यता लागू कर दी। जिले में सैकड़ों ग्राम पंचायत में सैकड़ों गांव और ढाणियों के बीच की दूरी काफी है। बिना संसाधन के प्रवासी राशन लेने कैसे पहुंच पाएंगे। जिला कलक्टर को स्थानीय राशन विक्रेता के जरिए राशन वितरण की व्यवस्था करनी चाहिए।
घनश्याम जांगिड़, पूर्व सरपंच सेंदरिया