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अजमेर

नहीं कर सके यह खास काम, वरना अजमेर का नजारा होता कुछ ऐसा….

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अजमेरSep 23, 2018 / 05:38 pm

raktim tiwari

green fields

green fields

अजमेर.

वन विभाग और सरकार बीते 50 साल में विभिन्न योजनाओं में पौधरोपण करा रहा है। इनमें वानिकी परियोजना, नाबार्ड और अन्य योजनाएं शामिल हैं। इस दौरान करीब 30 से 40 लाख पौधे लगाए गए। पानी की कमी और सार-संभाल के अभाव में करीब 20 लाख पौधे तो सूखकर नष्ट हो गए। कई पौधे अतिक्रमण की भेंट चढ़ गए।
नहीं चलते 50 प्रतिशत पौधे

पर्याप्त बरसात और तेज गर्मी से 40 से 50 प्रतिशत पौधे पानी के अभाव में दम तोड़ देते हैं। गर्मी में पौधों को बचाए रखना विभाग के लिए चुनौती होता है। मालूम हो कि वर्ष 2015 में तो विभाग को कम बरसात के चलते पौधरोपण रोकना पड़ा था।
बढ़ा अजमेर का वन क्षेत्र
वन विभाग और शहरवासियों के लिए अच्छी खबर है। अजमेर जिले के वन क्षेत्र में 13 वर्ग किलोमीटर की बढ़ोतरी हुई है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। जबकि देश में दो साल में 6 हजार 778 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र बढ़ा है।
वनों की स्थिति पर हाल में सरकार ने द्वि-वार्षिक रिपोर्ट-2017 जारी की है। जहां देश में 2015 में कुल वन क्षेत्र 7.01 लाख वर्ग किलोमीटर था। वहीं यह 2017 में बढकऱ 7.08 वर्ग किलोमीटर हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार अजमेर जिले में भी 13 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र बढ़ा है। इसमें 7 वर्ग किलोमीटर मध्य घनत्व और 6 वर्ग किलोमीटर खुला वन क्षेत्र शामिल है।
पौधरोपण और जागरुकता से बढ़ा क्षेत्र

वन विभाग ने पिछले दो-तीन साल में अजमेर जिले में सघन पौधरोपण और जागरुकता अभियान चलाया। मानसून सहित अन्य मौसम में स्कूल, कॉलेज के विद्यार्थियों, गैर सरकारी संगठनों, सरकारी दफ्तरों के अधिकारियों, कर्मचारियों ने पौधे लगाए। इनमें बाहरी वन क्षेत्र और शहर का अंदरूनी इलाका शामिल है। राजस्थान पत्रिका ने भी हरयालो राजस्थान कार्यक्रम चलाकर इसमें सहयोग दिया। नीम, गुड़हल, बोगन वेलिया, अशोक, करंज और अन्य प्रजातियों के पौधे लगाए गए। इसके चलते जिले के वन क्षेत्र में इजाफा हुआ है।

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