उपसरपंच रामलाल ने बताया कि दो से ढाई हजार की आबादी वाले गांव में बीसलपुर लाइन डाली भी गई इसे टंकी से जोड़ा भी गया लेकिन आज तक इसमें पानी नहीं टपका। क्षेत्र के आसपास के ट्यूबवैल पहले ही सूख चुके हैं। इस संबंध में ग्रामीणों ने सरकार व जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई लेकिन गांव की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है।
छोटे बच्चे बर्तन लेकर आज भी नलों के आगे पानी भरने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में पिछले कई सालों से पेयजल के लिए एक ही स्रोत है इस कारण यहां अधिक भीड़ होने पर विवाद की भी स्थिति हो जाती है।
नेताओं के दावे खोखले नेताओं के विकास के दावे यहां खोखले दिखते हैं। कहने को भाजपा और कांग्रेस ने ग्रामीण इलाकों में खूब कामकाज के दावे किए हैं, लेकिन हकीकत कुछ उलटी ही दिखती है। ग्रामीणों में दोनों दलों के नेताओं के प्रति जबरदस्त गुस्सा है। वे नेताओं के वायदों से अब खफा हो चुके हैं।