scriptबिना टेस्ट दिए होना चाहते हैं पास, आप भी चौंक जाएंगे ये टेक्निक जानकर | Water pipeline under ground, without technical support | Patrika News
अजमेर

बिना टेस्ट दिए होना चाहते हैं पास, आप भी चौंक जाएंगे ये टेक्निक जानकर

www.patrika.com/rajasthan-news

अजमेरOct 14, 2018 / 04:08 am

raktim tiwari

water pipe line

water pipe line

अजमेर. पानी की पाइप लाइन डालने में जलदाय विभाग को ठेकेदार चूना लगा रहे हैं। ऐसे में उसकी कार्य गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। शहर में डाली गई पाइप लाइन और कार्य प्रणाली जांच के दायरे में है।
1- पानी की लाइन बिना टेस्ट किए ही डाल दी गई है। जबकि पानी की लाइन डालते समय ज्वाइंट लीकेज चेक किए जाते हैं। टेस्टिंग सम्बन्धित अभियंता की उपस्थित में किया जाता है। प्रेशर के 1.5 गुणा दबाव पर चेक किया जाता है। हाइड्रोलिक मशीन से दबाव चेक किया जाता है।
प्रभाव- जो लाइन डाली गई है वह घरों की नालियों के पास डाल दी गई है। ऐसी स्थिति में नाली का पानी पीने के पानी की लाइन में आ जाता है। जिससे लोग बीमार पड़ सकते हैं। हैजा होने का भय बना रहता है।
लाइन डालते समय कोई पाइप कोटिंग (परत) को नुकसान तो नहीं हुआ है जिससे की अम्लीय प्रवाव न पड़े पाइप पर। इसकी जांच नहीं की गई है। हार्ड सोइल में पाइप डालते समय कोटिंग का ध्यान रखा जाता है। अगर पाइप टूट जाता है या कोटिंग हट जाती है तो पानी के रंग, स्वाद में अंतर आ जाता है। स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यह निर्धारित मापदंडों के विपरीत है।
प्राइवेट कॉलोनियों में विकास की जिम्मेदार कोलोनाइजर की

घूघरा और कायड़ दोनो ही ग्राम पंचायतों के क्षेत्र में पाइप लाइन निजी कॉलोनी हैं। यह कृषि भूमि पर है जो कॉलोनियां है उनके कोलोनाइजर को फायद पहुंचाया गया है।
कठोर मिट्टी में डालनी पड़ती है नरम मिट्टी

अगर कठोर मिट्टी/ मोरम/ पत्थर/ चट्टान इत्यादी जैसी मिट्टी की जगह पाइप लाइन के नीचे नरम मिट्टी /बजरी इत्यादी डाली जाती है। मिट्टी की जांच एसबीसी (स्वाइल बीइरिंग कैपसिटी) टेस्ट के जरिए जांची जाती है। यह टेस्ट नहीं किया गया है। 15 सेमी की सैेंड फिलिंग कर पाइप लाइन डाली जानी थी। जहां पथरीली/हार्ड स्वाइल आती है। इससे पाइप लाइन के डैमेज होने का खतरा नहीं रहता है।
नहीं करवाए टेस्ट

– पाइप लाइन डालने से पहले फिलिंग (भरने से पहले) हाईड्रोलिक टेस्टिंग, दबाव की जांच की जाती है। ज्वाइंट लीकेज आदि जांचा जाता है। यह जांच जेईएन / एईएन की मौजूदगी में होती है। प्रीवेमेटिक सिस्टम टेस्ट, लीकेज टेस्ट, कोटिंग टेस्ट भी जरूरी हैं।
नहीं ली एडीए से एनओसी

कोई भी विभाग अगर किसी अन्य क्षेत्र में काम करवाता है तो सम्बन्धित नगर निकाय से रोड कटिंग की अनुमति लेनी पड़ती है। अजमेर विकास प्राधिकरण क्षेत्र में अनुमति जरूरी है। जो लाइन डाली गई है। एसएचपी स्कूल के पास घूघरा क्षेत्र तथा अंबिका कॉलोनी कायड़ ग्राम में आती है। प्राधिकरण के अधीन हैं। प्राधिकरण से एनओसी नहीं ली गई है। जिन कॉलोनियों में लाइन डाली गई है उनमें विकास कार्य निजी विकासकर्ता को करवाना था। प्राइवेट कॉलोनी/ नियमन कॉलोनियों को फायदा पहुंचाने के लिए यह कार्य करवाया गया है। जबकि कई कॉलोनियां कृषि भूमि पर बसी हैं।
पीएचईडी की भी एनओसी नहीं

ग्रामीण विकास विभाग के निर्देशों के अनुसार पानी का पेयजल सम्बन्धी कार्य की एनओसी पीएचईडी से लेनी आवश्यक है। यह एनओसी नहीं ली गई है। पीएचईडी के अधिकारी लाइन डाले जाने से खुद को अनजान बता चुके हैं।
पानी का स्रोत पता नहीं

जब पाइप लाइन की डिजाइन की जाती है तो यह तय किया जाता है कि कितने प्रेशर की लाइन की जरूरत है। जिस मोटर से पानी लेना या उठाना उसकी प्रेशर लिमिट भी तय होती है।
एयर प्रेशर रिलेक्स वाल

नेचुरल ग्राउंड स्लोप के कारण पाइप लाइन के सभी भागों में हवा का दबाव अलग-अलग रहता है और गैस उत्पन्न होती है। एयर प्रेशर रिलेक्स वाल्व के बिना पाइन लाइन फट/टूट जाती है।

Home / Ajmer / बिना टेस्ट दिए होना चाहते हैं पास, आप भी चौंक जाएंगे ये टेक्निक जानकर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो