शहर में साल 2019 की तरह अब तक ताबड़तोड़ बरसात नहीं हुई है। जुलाई से 9 अगस्त तक चार-पांच बार ही तेज बरसात हुई है। जबकि पिछले साल अजमेर सहित जिले भर में छोटे-बड़े तालाबों, एनिकटों में पानी की आवक हो चुकी थी। मौसम विभाग ने 1 जून से अब तक 299.1 मिलीमीटर बरसात दर्ज की है।
जिले को भी झमाझम बरसात और बांधों-तालाबों का पानी का इंतजार है। सरवाड़, भिनाय, नसीराबाद, पीसांगन, मांगलियवास, पुष्कर, किशनगढ़, अरांई, कायड़, लोहागल, गगवाना, घूघरा और अन्य गांवों में भी खास बरसात नहीं हुई है। जिले में राजियावास, मूंडोती, नाहर सागर पिपलाज,ताज सरोवर अरनिया, पारा प्रथम और द्वितीय, फूलसागर कायड़, बीर, बिसून्दनी, मदन सरोवर धानवा और अन्य जलाशयों में पर्याप्त पानी नहीं आया है।
गांव के ट्रेंड युवाओं को खास अवसर देगा यूनिवर्सिटी अजमेर. नरवर गांव के प्रशिक्षित और योग्य युवाओं को विभिन्न कार्यों से जोड़ा जाएगा। इससे कोरोनाकाल में उन्हें कुछ आमदनी के साथ-साथ कार्यानुभव होगा। यह बात महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. पी.सिंह ने वन महोत्सव के दौरान कही। इस दौरान गांव के सीनियर सेकंडरी स्कूल में सौ से ज्यादा पौधे लगाए गए।
प्रो.सिंह ने कहा कि गांवों, शहरों में स्वच्छता और हरियाली बढ़ाने की जिम्मेदारी प्रत्येक नागरिक की है। प्रत्येक कार्य के लिए सरकार पर निर्भरता की आदत छोड़कर हमें छोटे-छोटे कार्यों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। विवि नरवर गांव में पौधरोपण कराने के अलावा कचरा संग्रहण के लिए ऑटो, महिलाओं को सिलाई मशीन देगा।