पश्चिम विक्षोभ के कारण पिछले सप्ताह बरसात-ओलावृष्टि से अजमेर भी भीगा था। पिछले दो दिन से मौसम सामान्य है। सोमवार को भी धूप में तीखापन कायम रहा। गर्मी ने लोगों को परेशान किया। तापमान फिर से बढकऱ 30 डिग्री के पार पहुंच गया है।
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शुरू होंगे गर्मी के तीन महीने…
ग्रीष्म ऋतु के लिहाज से अप्रेल, मई और जून प्रमुख होते हैं। हिंदू कलैंडर के अनुसार इन्हें वैशाख, ज्येष्ठ और आषाढ़ कहा जाता है। इस दौरान भीषण गर्मी, लू के थपेड़ों साथ-साथ तापमान में बेतहाशा बढ़ोतरी होती है। इस दौरान धूल भरे अंधड़, बरसात भी होती है। मौसम विभाग ने भी इस बार ग्रीष्म ऋतु में सामान्य से 1 डिग्री ज्यादा तापमान रहने की संभावना जताई है।
सात साल बाद हुई थी पर्याप्त बरसात
जिले की औसत बरसात 550 मिलीमीटर मानी जाती है। अजमेर जिले में 2012 से 2018 तक पर्याप्त बरसात नहीं हुई थी। लेकिन साल 2019 में मानसून जबरदस्त मेहरबान रहा। अजमेर जिले में झमाझम बरसात हुई। औसत बरसात का आंकड़ा 900 मिलीमीटर तक पहुंच गया था।
जिले की औसत बरसात 550 मिलीमीटर मानी जाती है। अजमेर जिले में 2012 से 2018 तक पर्याप्त बरसात नहीं हुई थी। लेकिन साल 2019 में मानसून जबरदस्त मेहरबान रहा। अजमेर जिले में झमाझम बरसात हुई। औसत बरसात का आंकड़ा 900 मिलीमीटर तक पहुंच गया था।
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अजमेर के कॉलेज-यूनिवर्सिटी हैं इस मामले में बहुत पीछे….रक्तिम तिवारी/अजमेर.
विद्यार्थी महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय, लॉ और बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज में क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल और अन्य गेम्स खेलना चाहें तो निराशा ही होगी। ज्यादातर संस्थानों खेल मैदान नहीं है। इंडोर और आउटडोर गेम्स सुविधाएं बदहाल हैं। ऐसा तब है, जब केंद्र और राज्य सरकार खेल सुविधाएं मुहैया कराने में जुटी हैं।
विश्वविद्यालय के पास कायड़ रोड पर करीब 700 बीघा जमीन है। यहां शैक्षिक प्रशासनिक भवन, छात्रावास और स्टाफ-टीचर्स क्वाटर बने हैं। खेल सुविधाओं के मामले में विश्वविद्यालय कैंपस बहुत पिछड़ा है। विश्वविद्यालय में नहीं यह खेल सुविधाएं
क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल जैसे आउटडोर गेम्स बैडमिंटन, स्क्वैश, टेबल टेनिस, टेनिस और अन्य इंडोर गेम्स इंजीनियरिंग कॉलेज के हाल भी खराबबॉयज और महिला इंजीनियरिंग कॉलेज में भी क्रिकेट, फुटबॉल खेलने के लिए मैदान नहीं है। दोनों कॉलेज में करीब 1200 से ज्यादा छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। यहां प्रतिवर्ष वार्षिक खेल प्रतियोगिताएं होती हैं। इनका आयोजन लोको स्पोट्र्स ग्राउन्ड या अन्यत्र कराना पड़ता है। यहां भी स्क्वैश, टेबल टेनिस, टेनिस जैसे इंडोर गेम्स खेलने की सुविधाएं नहीं है।
क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल जैसे आउटडोर गेम्स बैडमिंटन, स्क्वैश, टेबल टेनिस, टेनिस और अन्य इंडोर गेम्स इंजीनियरिंग कॉलेज के हाल भी खराबबॉयज और महिला इंजीनियरिंग कॉलेज में भी क्रिकेट, फुटबॉल खेलने के लिए मैदान नहीं है। दोनों कॉलेज में करीब 1200 से ज्यादा छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। यहां प्रतिवर्ष वार्षिक खेल प्रतियोगिताएं होती हैं। इनका आयोजन लोको स्पोट्र्स ग्राउन्ड या अन्यत्र कराना पड़ता है। यहां भी स्क्वैश, टेबल टेनिस, टेनिस जैसे इंडोर गेम्स खेलने की सुविधाएं नहीं है।