scriptWeather watch: मानसून की शुरू हुई काउन्टडाउन, मौसम में फिर बढ़ रही गर्मी | weather watch: monsoon countdown start, temprature increase | Patrika News
अजमेर

Weather watch: मानसून की शुरू हुई काउन्टडाउन, मौसम में फिर बढ़ रही गर्मी

www.patrika.com/rajasthan-news

अजमेरSep 15, 2018 / 03:22 pm

raktim tiwari

low rain in ajmer

low rain in ajmer

अजमेर. मानसून की सुस्ती कायम है। रविवार सुबह हवा चलने और बादलों के कारण मौसम ठीक रहा। बाद में धूप में तेजी और गर्मी कायम रही।

सुबह छिटपुट बादलों के झुंड आसमान में नजर आए। हवा चलने से कुछ राहत मिली। दोपहर बाद तेज धूप और गर्मी कुछ बढ़ी, लेकिन बादल मंडराते रहे।
मानसून के 14 दिन और
प्रतिवर्ष मानसून की अवधि 1 जून से 30 सितम्बर तक रहती है। इस दौरान होने वाली बरसात का पानी खेती और पेयजल के काम आता है। लिहाजा इस साल के मानसून के 14 दिन और बचे हैं। मालूम हो कि जिले की औसत बरसात 550 मिलीमीटर है। इस बार अब तक 351.58 मिलीमीटर बारिश ही हुई है। वहीं तापमान का ग्राफ 31 डिग्री तक पहुंच चुका है।
घर का पूत कंवारा डोले, पड़ौसियों के फेरे

कॉलेज के खिलाफ कार्रवाई और जुर्माना लगाने वाले महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय को अपने पाठ्यक्रमों की परवाह नही है। यहां संचालित एलएलएम और हिन्दी सहित कई पाठ्यक्रम बदहाल है। ना स्थाई शिक्षक ना संसाधन हैं। यूजीसी, बार कौंसिल और राज्य सरकार इस खिलवाड़ को देख रही है। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
विश्वविद्यालय ने सत्र 206-07 में एलएलएम पाठ्यक्रम शुरु किया। यहां प्रथम और द्वितीय वर्ष 40-40 सीट है। शुरुआत में पाठ्यक्रम में पर्याप्त प्रवेश नहीं हुए। वर्ष 2008 में राजस्थान विश्वविद्यालय के विधि शिक्षक प्रो. के. एल. शर्मा और लॉ कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. एस.आर. शर्मा को नियुक्त किया था। इनके जाते ही एलएलएम बदहाल हो गया। विधि विभाग में कोई स्थाई शिक्षक नहीं है।
पढ़ाते हैं उधार के शिक्षक

एलएलएम विभाग में लॉ कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. आर. एस. अग्रवाल कक्षाएं लेते हैं। ये विभाग में एकमात्र शिक्षक हैं। एलएलएम के अन्य विषय पढ़ाने के लिए यदा-कदा वकील या सेवानिवृत्त शिक्षक आते हैं। इस पाठ्यक्रम की बदहाली से बार कौंसिल ऑफ इंडिया भी चिंतित नहीं है। जबकि उसके नियम पार्ट-चतुर्थ, भाग-16 में साफ कहा गया है, कि विश्वविद्यालय और कॉलेज को एलएलएम कोर्स के लिए स्थाई प्राचार्य, विषयवार शिक्षक और संसाधन जुटाने जरूरी होंगे। कौंसिल की लीगल एज्यूकेशन कमेटी की सिफारिश पर यह नियम लागू किया गया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो