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अजमेर

Webinar:स्थानीय लोगों को मिले कौशल प्रशिक्षण, हम करेंगे भारत नवनिर्माण

खेती, पशुपालन और श्रम आधारित कामकाज को बढ़ावा देने पर जोर दिया।

अजमेरMay 26, 2020 / 07:11 am

raktim tiwari

skill training for labour

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अजमेर.

स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण दिया तो वे कुशल बन सकते हैं। हम प्रशिक्षण देने को तैयार हैं। सरकार को भी इसमें सहयोग करना चाहिए। यह विचार राजस्थान पत्रिका के वेबिनार में सामने आए। उद्यमियों ने बिजली के बिल और फिक्सड चार्ज माफ करने, श्रमिकों का पलायन रोकने, खेती, पशुपालन और श्रम आधारित कामकाज को बढ़ावा देने पर जोर दिया।

स्थानीय रोजगार में दुग्ध-पशुपालन सहायक

अजमेर जिले में हजारों पशुपालक हैं। दुग्ध और पशुपालन में अजमेर डेयरी देश में अग्रणीय बन सकती है। पनीर, लस्सी, छाछ, श्रीखंड, पेड़े पहले ही बनाए जा रहे हैं। स्किम मिल्क पाउडर भी बनना प्रारंभ हो जाएगा। डेयरी उत्पादों से स्थानीय रोजगार बढ़ सकता है।
रामचंद्र चौधरी, अध्यक्ष अजमेर डेयरी

विशेष पैकेज, सस्ती दर पर कर्ज
लॉकडाउन काल के बिजली बिल, फिक्सड चार्ज और जुर्माना हटाना जरूरी है। रीको को भूखंड धारकों से सर्विस चार्ज एक साल तक स्थगित और बकाया राशि पर ब्याज, लघु और सूक्ष्म उद्योगों को विशेष आर्थिक पैकेज दिया जाना चाहिए। ग्रामीण उद्यमियों और शहरी उद्यमियों को सस्ती दरों पर कर्ज देने होंगे।
सुुधीर जैन, किशनगढ़

कौशल विकास प्रशिक्षण जरूरी

रोजगार कार्यालय और जिला उद्योग केद्र और प्रशासन को उद्यमियों को श्रमिकों का डाटा उपलब्ध कराना चाहिए। श्रमिकों का पलायन रोकने और स्थानीय श्रमिकों की भागीदारी की योजना बनानी जरूरी है। मोबाइल एप बनाकर उद्योगों और श्रमिकों को जोड़ा जाए। ताकि कौशल विकास पर जोर देकर स्थानीय श्रमिकों को प्रशिक्षित किया जा सके।
राधेश्याम चोयल उद्यमी

मॉडिफाइड लॉकडाउन में श्रमिकों और कच्चे माल के अभाव में उद्यम ठप से हैं। बाहर से आए श्रमिकों को मार्बल-ग्रेनाइट उद्योग प्रशिक्षण की जरूरत है। मनरेगा में श्रमिकों से रचनात्मक/उत्पादक कार्य कराए जा सकते हैं। ग्रामीणों शिक्षित-प्रशिक्षित युवाओं-बेरोजगारों को लघु उद्योगों से जोड़ा जा सकता है।
सुभाष अग्रवाल, व्यवसायी

श्रम पलायन का बने विकल्प

राज्य में श्रमिकों का पलायन रोकना जरूरी है। लॉकडाउन अवधि का बैंक ब्याज माफ होना चाहिए। बिजली के औसत बिल की वास्तविक रीडिंग कराकर भुगतान लिया जाए। सौर उर्जा पर अनुदान ज्यादा मिले। स्थानीय श्रमिकों पर निर्भरता बढ़ानी होगी। व्यापार चलेगा तो औद्योगिक गतिविधियां, श्रम नियोजन खुद होगा। दीपक शर्मा, अध्यक्ष लघु उद्योग भारती किशनगढ़
टास्क फोर्स बनानी जरूरी

लोन, योजनाओं में छूट का लाभ और औद्योगिक विकास के लिए बैंक, जिला उद्योग केंद्र, रीको में समन्वय नहीं है। राष्ट्रीय राज्य और जिला स्तर पर संयुक्त टास्क फोर्स बननी चाहि। ब्यूरोक्रेट, उद्यमी, श्रमिक प्रतिनिधि बातचीत करें और शहरी और ग्रामीण स्तर के लघु, मझौले और बड़े उद्योगों की रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेजें।
यशवंत शर्मा, एमडी भगवती मशीन प्रा.लिमिटेड

मार्बल पर घटे जीएसटी

किशनगढ़ मार्बल उद्योग में 25 हजार प्रवासी और 25 हजार स्थानीय श्रमिक हैं। उद्यमी प्स्थानीय श्रमिकों के नियोजन के लिए तैयार हैं। केंद्र सरकार को मार्बल पर जीएसटी 18 से घटाकर 5 प्रतिशत करनी चाहिए। डिस्कॉम को केंद्र सरकार ने 80 हजार करोड़ रुपए दिए हैं। अब बिजली कम्पनियों को फिक्सड चार्ज घटाने चाहिए।
सुधीर जैन, अध्यक्ष किशनगढ़ मार्बल ऐसोसिएशन

स्थानीय श्रमिकों की बढ़े भागीदारी

चीन से कई कम्पनियां कारोबार समेटना चाहती हैं। वहां से राजस्थान आने वाली कम्पनियों को अजमेर जिले तक लाया जाए तो स्थानीय श्रमिकों को रोजगार मिलेगा। श्रमिकों को प्रशिक्षण देकर दक्ष बनाया जा सकता है। इससे कई कम्पनियां अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए छोटे जिलों-गांवों के औद्योगिक समूहों से संपर्क करेंगी।
सचिन नाहर ब्यावर
बैंक लोन की मॉनिटरिंग जरूरी
केंद्र सरकार ने 20 लाख हजार करोड़ रुपए में सर्वाधिक फोकस एमएमएमई पर किया है। लोन दस हजार से 10 करोड़ रुपए तक हो सकता है। उद्यमी सबसे ज्यादा परेशान बिजली के बिल, पेनल्टी, फिक्सड चार्ज वसूली से है। बिजली कम्पनियों को पैसा मिलना तय है तो उन्हें बिल-पेनल्टी स्थगित करनी चाहिए।
देवीशंकर भूतड़ा, मिनरल व्यवसायी और पूर्व विधायक

मार्बल-ग्रेनाइट अर्थव्यवस्था का आधार

जिला उद्योग केंद्र, व्यापारी मिलकर बैठक करें ताकि व्यापारी उद्यम चला सकें। बैंक किश्तों के ऋण में रियायत मिलेगी तो उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा। उद्यमी श्रमिकों को रोजगार देने को तैयार हैं। सरकार की जिम्मेदारी है, कि वे पलयान रोके क्लस्टर मीटिंग कर श्रम नियोजना में सहायता करे।
श्याम सुंदर मोदानी, निदेशक टेक्सटाइल पार्क

श्रमिकों का पलायन जारी है। इन्हें रोकने की जरतू है। सरकार को उद्योगों पर सरकारी सेवाओं के सभी शुल्क माफ करने चाहिए। इससे जीडीपी बढऩे में मदद मिलेगी।
रमेश राठी टेक्सटाइल उद्यमी

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