महिलाओं की यह पीड़ा किसी गांव एवं कस्बे की नहीं बल्कि
अजमेर शहर थी, जिसका क्षेत्रीय पार्षद ने पहल कर न केवल समाधान करवाया बल्कि महिलाओं एवं युवतियों को गंभीर समस्या से निजात मिल गई। वार्ड 44 में चिरमोली का बाड़ा में निवास करने वाले आठ से दस मकानों में रहने वाले महिला-पुरुष कच्चे शौचालयों व खुले में शौच के चलते परेशानी झेल रहे थे। वार्ड पार्षद संतोष मौर्य को जब महिलाओं एवं खासकर युवतियों व बस्ती की बहुओं ने अपनी पीड़ा बताई तो पार्षद ने पहल कर स्वच्छ भारत मिशन के तहत नौ पक्के शौचालय बनवाए।
पढ़ी लिखी होकर पर बरसों की झेली परेशानी चिरमोली का बाड़ा बस्ती की महिलाओं व युवतियों ने बताया कि वे पढ़ी-लिखी हैं। जहां उनकी पीहर है वहां घरों में पक्के शौचालय बने हुए थे। ससुराल में जब घरों में शौचालय नहीं थे तो मुसीबत हो गई। पति के सिवा किसी को कुछ कह भी नहीं पाती थी।
वे पढ़ी लिखी होकर भी अपनी परेशानी शेयर नहीं कर पाई। अब जब महिला पार्षद चुनीं गई तो उनकी समस्या का समाधान करवा हुआ। क्षेत्र की अपर्णा, ममता, ऋतु व पायल आदि बताया कि अब पक्के शौचालय बनने से महिलाओं के साथ बेटियों को भी राहत मिली है।
क्षेत्र में स्वच्छता का माहौलइस क्षेत्र में शौचालय बनने के बाद स्वच्छता के प्रति सजगता बढ़ी है। मोहल्ले में सड़कें बन गई, नालियां बनी और शौचालयों की साफ-सफाई रहने से अब हर कोई आराम से इस क्षेत्र में आ जा सकते हैं।