अजमेर

Working style: कोरोना ने बदला दफ्तरों के कामकाज का तरीका

आवश्यक प्रवृत्ति के सभी कार्य ई-फाइल सिस्टम से कर रहे हैं।

अजमेरApr 15, 2020 / 09:27 am

raktim tiwari

work at home

अजमेर.
कोरोना लॉकडाउन ने सरकारी दफ्तरों के कामकाज का तरीका बदल दिया है। अब तक ऑनलाइन कामकाज से दूर रहने वाले अधिकारी-कर्मचारी, छात्र-छात्राएं और शिक्षक इनका बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं। धीरे-धीरे सबकी तकनीकी दक्षता भी बढ़ रही है।
लॉकडाउन के चलते राज्य के निजी-सरकारी दफ्तरों, दुकानेें-मॉल, उद्योगों, निगमों-बोर्ड, स्कूल, कॉलेज-यूनिवर्सिटी और अन्य संस्थान बंद हैं। जिन दफ्तरों में रोजाना हजारों लोग कामकाज के लिए जाते थे, वहां कामकाज ठप है। शिक्षण संस्थानों में भी कक्षाएं-परीक्षाएं स्थगित हैं। इसके विपरीत बीते दो सप्ताह में सभी क्षेत्रों में कामकाज के तौर-तरीके में नया बदलाव देखने को मिल रहा है।
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वीडियो कॉन्फे्रंसिंग से संपर्क
राज्य सरकार सभी कलक्ट्रेट, पुलिस और जरूरी सेवाओं वाले सरकारी महकमों से वीडियो कॉन्फे्रसिंग से संपर्क में हैं। यह पैटर्न अन्य महकमों-संस्थानों ने भी अपनाया है। इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ. उमाशंकर मोदानी ने बताया कि वे शिक्षकों, अधिकारी-कर्मचारी सेवीडियो कॉन्फे्रंसिंग, वॉट्सएप कॉलिंग से संपर्क कर रहे हैं। आवश्यक प्रवृत्ति के सभी कार्य ई-फाइल सिस्टम से कर रहे हैं।
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अपना रहे यह तकनीक
-ऑनलाइन ईआरपी सिस्टम
-ई-फाइल और ई-कंटेंट सिस्टम
-वॉट्सएप और ई-मेल का इस्तेमाल
-वीडियो कॉन्फे्रंस और मंकी सिस्टम
-वर्क एट होम के तहत ऑनलाइन कम्प्यूर
-स्काइप कॉलिंग से आपस में संपर्क
-ई-फाइल और ई-कंटेंट का इस्तेमाल

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तैयार हो रही भविष्य की नींव
भारतीय विद्यापीठ डीम्ड यूनिवर्सिटी पुणे के कुलपति प्रो. एम.एम. सालुंखे ने बताया कि कोरोना लॉकडाउन सरकारी दफ्तरों-संस्थानों के कामकाज में बदलाव की शुरुआत है। ऑनलाइन कामकाज प्रवृत्ति को धीरे-धीरे सभी कार्यालयों को अपनाना पड़ेगा। भविष्य में दफ्तरों में ई-फाइल सिस्टम और डिजिटल कंटेंट ही अहम होंगे। इसकी तैयारियां अभी से शुरू करनी चाहिए।

पूरी दुनिया में तकनीकी इस्तेमाल बढ़ रहा है। बदलते दौर में कोई इससे दूर नहीं रह सकता है। सरकारी दफ्तरों-संस्थाओं को भी ई-वर्र्किंग पर खास जोर देना होगा। तभी कामकाज सुचारू और त्वरित होगा।
डॉ. जे. के. डीगवाल, प्राचार्य महिला इंजीनियरिंग कॉलेजशिक्षक सोशल प्लेटफार्म पर छात्राओं को पढ़ा भी रही हैं। खुद छात्राएं भी आपस में वॉट्सएप ग्रुप से जुड़ी हैं। ऑनलाइन और डिजिटल वर्क अब भविष्य की जरूरत है।
डॉ. सिस्टर पर्ल, प्राचार्य सोफिया कॉलेज

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