उन्होंने कहा कि हिंदू न्याय पीठ का मुख्य उद्देश्य है धर्म की रक्षा करना। पूजा शकुन पांडे ने कहा कि हम बड़ी सौम्यता से आगाह करना चाहते हैं कि संविधान ने जिन्हें नियुक्त किया है उन्हें न्याय पूर्वक निर्णय देना चाहिए जो किसी संप्रदाय और धर्म को आहत ना करे। पूजा शकुन पांडे ने कहा कि किसीको अधिकार नहीं है हिंदू संस्कृति के साथ खिलवाड़ करने का।उन्होंने कहा कि मैं स्तब्ध हूं कि इस मसले पर किसी ने आवाज नहीं उठाई। आरएसएस भी चुप है उन्होंने भी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि हमारे धर्म में कुछ चीजें बनाई गई हैं और यह सभी जानते हैं कि महिलाओं- पुरुषो में अंतर है। ये अंतर सम्मान का नहीं है लेकिन कुछ कार्य पुरुष नहीं करते और कुछ कार्य महिलाएं नहीं कर सकती, ऐसी स्थितियों में सुप्रीम कोर्ट हमारी सनातन परंपरा में हस्तक्षेप कर रहा है। पूजा शकुन पांडे ने कहा कि इस तरह के डिसीजन पर रोक लगना चाहिए अन्यथा हिंदू न्याय पीठ कुछ भी एक्शन लेने में विवश होगी। पूजा शकुन पांडे ने कहा कि कोर्ट हिंदू भावनाओं को आहत न करे नहीं तो विरोध प्रदर्शन पर उतरना पड़ेगा।