scriptKashmir में जो घटा उससे साहित्य, संस्कृति और भाषा का भी नुकसान | Aligarh muslim University Kashmiri section organized National Seminar | Patrika News
अलीगढ़

Kashmir में जो घटा उससे साहित्य, संस्कृति और भाषा का भी नुकसान

-Aligarh muslim University के कश्मीरी सेक्शन में में हुआ National Seminar
-पतंजलि, पाणिनि जैसे व्याकरण वांड्गमय के रचनाकरों की भूमि है कश्मीर
-शैव दर्शन के सिद्धांत की आधार भूमि भी यही, जल्द मोहब्बत लौटेगी

अलीगढ़Aug 09, 2019 / 03:49 pm

Bhanu Pratap

aligarh Muslim University

aligarh Muslim University

अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh muslim University) के आधुनिक भारतीय भाषा विभाग के कश्मीरी सेक्शन (Kashmiri section) में दो दिवसीय सेमिनार (Seminar) का समापन हो गया। समापन समारोह को संबोधित करते हुए सोशल साइंस के डीन प्रोफेसर अकबर हुसैन ने कहा कि ‘‘पतंजलि ने यहीं रहकर व्याकरण लिखा और यह स्थान शैव दर्शन के सिद्धांत की आधार भूमि है। पतंजलि और पाणिनि जैसे व्याकरण वांड्गमय के रचनाकरों को भी कश्मीर की भूमि ने रचा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में जो कुछ घटा उससे साहित्य (Literature), संस्कृति (Culture) और भाषा (Language) का भी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि आशा है कि इस जन्नत जैसी जमीन पर जल्दी ही सुकून, अमन और मोहब्बत होगी। साहित्य के साथ-साथ मानवतावाद दृष्टिकोण को सही अर्थों में समझा जा सकेगा।
लड़कियों की शिक्षा पर जोर

चंडीगढ़ विश्वविद्यालय से आई अतिथि वक्ता डॉ. जीनत खान ने कश्मीर की लड़कियों की शिक्षा पर जोर दिया। यह समझाने का प्रयास किया कि अगर एक लड़की पढ़ती है तो उसकी आने वाली नस्लें पढ़ जाती हैं, उनको समाज को देखने का नजरिया भी उत्पन्न होता है। सामाजिक दृष्टिकोण से विकास होता है।
aligarh Muslim University
कश्मीर साहित्य की बारीकियों को समझें

आधुनिक भारतीय भाषा विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर क्रांति पाल ने बताया कि, इस सेमिनार की सफलता इस बात से जाहिर है कि हमने ऐसे विषय पर सेमिनार आयोजित कराया, जिसमें हमें बाहर से शोधार्थियों और अध्यापकों का भी दृष्टिकोण जानने का अवसर प्राप्त हुआ। इस सब पर एक स्वस्थ्य चर्चा के बाद हम कश्मीर साहित्य की बारीकियों को भी समझ सके।मराठी सेक्शन के डॉ. ताहेर एच पठान ने अपने वक्तव्य में कहा कि जिस प्रकार से हमने सेमिनार का आयोजन किया, उसमें बहुत लोगों ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रकार से योगदान दिया। सेमिनार को सफल बनाने के लिए प्रोफेसर मुश्ताक अहमद जरगर ने एक अच्छी समझ से इस बेहतरीन विषय पर सेमिनार कराया। प्रोफेसर क्रांति पाल ने अपने मार्गदर्शन से इस अनूठे विषय पर अपना भरपूर सहयोग प्रदान किया।
कश्मीर संस्कृति को समझने का मौका

सेमिनार के संयोजक कश्मीरी सेक्शन के प्रोफेसर मुश्ताक अहमद झरगर ने कहा कि भविष्य में आईसीसीआर के सहयोग से ऐसे विषयों पर सेमिनार, कांफ्रेंस और वर्कशॉप आयोजित कराते रहेंगे, जिससे हमें कश्मीरी भाषा और संस्कृति को समझने का मौका मिलेगा। निश्चित ही इससे कश्मीरी समाज को समझने, परखने और उनकी समस्याओं को करीब से देखने का अवसर प्राप्त होगा। कार्यक्रम का संचालन बंगाली सेक्शन की डॉ. अमीना खातून ने किया। सभी शोधार्थियों को ट्रॉफी और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
aligarh Muslim University
एएमयू कोर्ट के सदस्य

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविधालय के एएमयू एबीके हाई स्कूल ब्वायज के प्रिन्सिपल डाॅक्टर मोहम्मद अब्बास नियाजी आगामी 3 वर्षों अथवा प्रिन्सिपल बने रहने तक के लिये एएमयू कोर्ट के सदस्य नियुक्त किये गये हैं। उनकी नियुक्ति अहमदी स्कूल की प्रिन्सिपल फिरदौस रहमान के सेवानिवृत्त होने के उपरान्त स्कूल प्रिन्सिपल पद के वरिष्ठताक्रम के आधार पर की गयी है।
नमूने जमा करना जरूरी

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इंटरडिसीप्लीनरी बायोटैक्नालोजी यूनिट द्वारा नेशनल कैंसर इंस्टीटयूट, अमरीका के बायोरीपोजीटरीज़ एण्ड बायोस्पेसीमेन रिसर्च ब्रांच के कार्यक्रम के निदेशक डॉक्टर लोकेश अग्रवाल के व्याख्यान का आयोजन किया गया। डॉक्टर अग्रवाल ने आॅनकोलोजी में बायोस्पेसीमेन साइंस और बायोबैंकिंग पर विसतार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भविष्य के शोध के लिये विभिन्न नमूनों को जमा करना बहुत जरूरी और लाभदायक है।
aligarh Muslim University
विदेशों में हिन्दी शिक्षण पर कार्यशाला 10 को

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविधालय के हिन्दी विभाग द्वारा 10 अगस्त शनिवार को पूर्वान्ह 10 बजे आर्ट्स फैकल्टी लाउंज में ‘‘विदेशों में हिन्दी शिक्षण, समस्याएं एवं समाधान’’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला में हिन्दी यूनीवर्स फाउंडेशन, नीदरलैंड की निदेशक प्रोफेसर पुष्पिता अवस्थी बीज भाषण प्रस्तुत करेंगी। जबकि सहकुलपति प्रोफेसर अख्तर हसीब उद्घाटन भाषण देंगे। कार्यशाला के निदेशक एवं हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर अब्दुल अलीम उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करेंगे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो