हो रही राजनीतिक साजिश उन्होंने कहा कि यह तथ्य है कि तीन तलाक पर मुस्लिम पर्सनल बोर्ड एक आम सहमति बनाने मे विफल रहा, तथा बोर्ड वास्तव में पढ़े लिखे लोगों को शामिल करने में हिचक महसूस करता है , बोर्ड की अपनी गरिमा है और भारतीय मुसलमान उसका सम्मान करते हैं। आज मुस्लिम लॉ बोर्ड एक राजनीतिक साजिश का शिकार है और केवल कुछ राजनीतिज्ञों तथा दलों का प्लेटफार्म बन कर रह गया है।
आल इण्डिया शरिया बोर्ड फेल डॉ जसीम मोहम्मद ने कहा कि चूंकि मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड भारतीय मुसलमानों के हित सुरक्षित रखने में विफल रहा है और केवल राजनीतिक अखाड़ा बन गया गया इसलिए अब मुस्लिम बुद्धिजीवी अन्य इस्लामी विद्वानों के साथ आल इण्डिया शरिया बोर्ड का गठन करेंगे ताकि भारतीय मुसलमानों को इस्लाम के अनुसार सही दिशा प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित शरिया बोर्ड को राजनीति और राजनीतिज्ञों से दूर रखा जायेगा। डॉ जसीम मोहम्मद ने आशा व्यक्त की कि मुसलमान श्री श्री रविशंकर के कोर्ट के बाहर रामजन्म भूमि बाबरी मस्जिद विवाद को हल करने पर सोचें तथा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड मुसलानों का धार्मिक नेतृत्व न करे। डा जसीम मोहम्मद ने श्री श्री रविशंकर को सर सैयद का स्मृति चिन्ह भेंट स्वरूप दिया। डा जसीम मोहम्मद के साथ दिल्ली की समाजसेविका शबीना खान भी मौजूद थीं।