आठ मार्च को यहां पर फिर से कब्जे का मामला संज्ञान में आया। 10 मार्च को निरीक्षण किया गया और कार्रवाई के निर्देश दिये गये, जिसमें पता चला कि कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई लंबित है। सोमवार को इन्हीं लोगों के खिलाफ मुकदमे के लिए नामजद तहरीर पुलिस को दी गई है। पुलिस के अनुसार नगर निगम की तहरीर पर 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसमें रमेश चंद्र सिंघल, प्रशांत सिंघल, निशांत सिंघल, सुरेश चंद्र गर्ग, निरंजन सिंह, विजय सिंह, ओमप्रकाश, अशोक कुमार, शिवदयाल, दीपेंद्र सिंह के नाम शामिल है। सन् 2013 में तालाब पर अवैध कब्जे की शिकायतें हुई थी,लेकिन कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति होती रही। हालाकि नगर आयुक्त कहते है कि नगर निगम की संपत्ति पर अवैध कब्जे नहीं होने देंगे।
आपको बता दें कि योगी सरकार की मुहिम के बाद ऐसी सम्पत्तियों को कब्जा मुक्त कराने की कार्यवाई शुरु हो गई है। लंबी जांच प्रक्रिया, भौतिक सत्यापान के बाद अवैध निर्माण चिन्हित कर कार्रवाई शुरू की जा रही है। 28 मई 2017 को बिल्डर राधेलाल शर्मा, शमशाद व मोहम्मद शरीफ के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 के तहत तीन अलग अलग मुकदमे दर्ज किए गये थे। तीनों पर फर्जी पावर आॅफ अटार्नी तैयार कर तालाब की जमीन बेचने का आरोप था। इसी क्रम में आगे की कार्रवाई की गई है।