वाणिज्य कर विभाग एसआईबी के ज्वाइंट कमिश्नर एचपी राव दीक्षित के नेतृत्व में छापेमारी की गई। शिवानी स्टील द्वारा आयरन स्टील की ट्रेडिंग दर्शाई जा रही थी। जांच के दौरान अधिकारियों ने पाया कि फर्म पर दूसरे को लाभ देने के लिए फर्जी बिल जारी कर दिया जाता है। जुलाई में करीब 39.49 लाख की एमएस बिलेट की बिक्री दर्शायी गई है, जबकि खरीद का कोई प्रमाण नहीं है। फर्म स्वामी द्वारा साल में करीब 89 लाख की एमएस बिलेट की खरीद दर्शाई गई है जबकि 2.13 करोड़ की बिक्री दर्शाई गई है। इससे स्पष्ट हो गया कि करीब 1.20 करोड़ की बिना माल बिलिंग की गई है। ज्वाइंट कमिश्नर एचपी राव दीक्षित के मुताबिक फार्म स्वामी द्वारा कुल 17 करोड़ की खरीद एवं 19 करोड़ की बिक्री दर्शाई गई है। इस मामले में करीब 6 करोड़ की आईटीसी की गड़बड़ी की आशंका है।