कोलकाता से ओएनजीसी की टीम भवीगढ़ गांव में पहुंची और गांव के ही राजवीर सिंह खेत में तेल का भंडार होने की सूचना देकर खुदाई की अनुमति मांगी। राजवीर यह सुनकर हैरत में जरूर पड़े, लेकिन उन्होंने खुदाई की अनुमति दे दी। अफसरों संग कोलकाता से आए पांच मजदूरों ने खेत में टेंट लगाया। मजदूरों ने खुदाई का काम शुरू किया, लेकिन बारिश के कारण ज्यादा नहीं हो सका। अफसरों की मौजूदगी में ड्रिल मशीन से खुदाई हुई। 120 मीटर के करीब खुदाई होने पर मिट्टी से मिली पेट्रोलियम पदार्थों की गंध ने अफसरों को राहत दी। इस मिट्टी से ही 11 नमूने जांच के लिए उठाए गए हैं। गड्ढे में बारिश का पानी भरने से काम रोक दिया गया है।
इससे पहले सुनामई, खेड़ा खुर्द, अहमदपुरा में भी खुदाई कराई। यहां से भी मिट्टी के नमूने भरे। खेत के मालिक राजवीर सिंह ने बताया कि बाहर से कुछ लोगों की टीम आई है, उन्होंने बताया की आप के खेत में डीजल है, राजवीर सिंह ने खेत खोदने की अनुमति दे दी है, लिखित में कंपनी ने एग्रीमेंट कराया है, राजवीर सिंह ने कहा कि उनके खेत में तेल का भंडार निकलता है तो यह अच्छी बात होगी। स्थानीय लोगों ने बताया कि ओएनजीसी की टीम पिछले 3 दिनों से इलाके में सेटेलाइट के माध्यम से सर्वे कर रही है। जमीन के अंदर तेल के अंश बताए जा रहे हैं।3 दिन से काम ओएनजीसी की टीम कर रही है। कई जगह बोरिंग के जरिए जमीन के अंदर मिट्टी का नमूना लिया गया है।
ओएनजीसी की टीम अतरौली से एटा तक पेट्रोलियम पदार्थ की खोज कर रही है। अलीगढ़ से एटा तक जगह-जगह खुदाई कराई जा रही है। ओएनजीसी के पब्लिक रिलेशन अधिकारी ने बताया कि यह काम ओएनजीसी कर रहा है, बताया कि डीजल और पेट्रोल का सर्वे किया गया है। जमीन के अंदर कुछ अंश पेट्रोलियम पदार्थ होने की संभावना जताई गई है। यहां संभावित क्षेत्र में जमीन की जांच की जा रही है। इस प्रक्रिया में किसानों की फसल का नुकसान हो रहा है, लेकिन उनको इसका मुआवजा भी दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ये प्रथम चरण है और इसके 3 दिन के बाद द्वितीय चरण शुरू होगा। वहीं बारिश होने के चलते खुदाई करने में कुछ दिक्कत आई हैं।