21 फरवरी को देवबंद से पकड़े गए जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकियों से पूछताछ दौरान सामने आया कि जैश का कमांडर अलीगढ़ व मेरठ समेत कई जिलों का दौरा कर चुका है। इसको लेकर पाकिस्तान से संबंध रखने वाले लोगों के साथ शिक्षण संस्थानों में पढऩे वाले कश्मीरी और बांग्लादेशी छात्रों पर स्थानीय एजेंसियों के साथ केंद्रीय खुफिया एजेंसियां नजर रखे हैं। उनका ब्योरा जुटाया जा रहा है। सतर्कता बरतते हुए सोमवार को रेलवे स्टेशन से पकड़े गए संदिग्ध कश्मीरी से भी कई घंटों तक पूछताछ की गई।
बता दें कि अलीगढ़ को काफी संवेदनशील इलाका माना जाता है, क्योंकि यह प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी की जन्मस्थली रहा है। सेना के हाथ मारा गया आतंकी मन्नान वानी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का छात्र था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आतंकी कनेक्शन की बात करें तो पिछले 18 साल में 20 आतंकी पकड़े जा चुके हैं। वहीं कई आईएसआई एजेंट व पाक जासूस भी गिरफ्तार किए गए। एजेंसियों का मानना है कि ज्यादातर आतंकी व जासूस दिल्ली के नजदीकी जिलों में शरण लेकर स्लीपिंग मॉड्यूल से संपर्क बनाते हैं। स्लीपिंग मॉड्यूल तक पहुंचने के लिए एजेंसियों ने सक्रियता बढ़ा दी है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी मैसेज फ्लैश कर संदिग्धों पर नजर रखकर पुलिस व स्थानीय इकाई को सूचित करने के लिए अपील की जा रही है।