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अलीराजपुर

‘चरित्र निर्माण सतत जारी रहने वाला विषय’

कार्यशाला का उद्देश्य चरित्र निर्माण व व्यक्तित्व विकास

अलीराजपुरSep 07, 2018 / 09:55 pm

अर्जुन रिछारिया

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‘चरित्र निर्माण सतत जारी रहने वाला विषय’

झाबुआ. शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की ओर आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि अतुल कोठारी ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य चरित्र निर्माण व व्यक्तित्व विकास है। चरित्र निर्माण विषय सतत जारी रहने वाला विषय है। सतत अभ्यास व्यक्ति के जीवन मे बदलाव लाता है। बिना साधना किए किसी भी ज्ञान की कल्पना व्यर्थ है। हमारा संकल्प देश को बदलना है तो शिक्षा को बदलो।
विधायक शांतिलाल बिलवाल ने कहा कि आजादी के बाद विकास तो हो रहे हैं, लेकिन व्यक्तित्व विकास निरंतर अभ्यास में आवश्यक है। युवाओं के चरित्र निर्माण में व्यक्तित्व विकास के लिए इस प्रकार की कार्यशाला होना आवश्यक है। राष्ट्रीय संयोजक देशराज शर्मा ने कहा कि चरित्र निर्माण शिक्षा की रीढ़ है। मां की कोख से ही चरित्र निर्माण का विकास होने लगता है। स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय सागर के कुलाधिपति अजय तिवारी पंचकोश शिक्षा की अवधारणा पर कार्य करने के लिए ऊर्जावान युवा शिक्षा की आवश्यकता है। प्रांतीय संयोजक ओम शर्मा ने समितियों का परिचय दिया। इसमें संचालन समिति के संयोजक भरत व्यास, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए शोभा ताई आदि उपस्थित हए। कार्यशाला में अलग अलग राज्यों से अतिथि पहुंचे। संचालन किरण शर्मा ने किया। प्रारंभ में केशव इंटरनेशनल स्कूल के विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुति दी। स्वागत भाषण किरण शर्मा ने दिया।
प्राध्यापकों को सातवें वेतनमान की मंजूरी
राज्य शासन की केबिनेट मीटिंग में शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, क्रीड़ा अधिकारी एवं ग्रंथपालों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से सातवे वेतनमान को लागू करने की अनुशंसा कर दी है। इसके लिए महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ जिलाध्यक्ष डॉ.एससी जैन, उपाध्यक्ष डॉ. गीता दुबे, सचिव प्रो. केसी कोठारी, सह सचिव डॉ. रवींद्र सिंह, कोषाध्यक्ष डॉ. गोपाल भूरिया एवं तहसील इकाई अध्यक्ष डॉ.एसएस चौहान, उपाध्यक्ष डॉ.वीरसिंह मेड़ा, सचिव डॉ. सुनील कुमार सिकरवार, कोषाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र परमार एवं शिक्षक संघ अध्यक्ष प्रो. श्रीकांत शाह ने मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री का आभार माना है। डॉ. जेसी सिन्हा, डॉ. अंजना मूवेल, डॉ. उषा पोरवाल, डॉ. लवीना चौहान, डॉ. संजू जैन, प्रो. मंजूला गिरवाल, प्रो. रंजना रावत, डॉ. रीता गणावा, प्रो.रीना गणावा एवं अन्य प्राध्यापक ने हर्ष जताया है।
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