scriptसंत की कृपा से श्रद्धालुओं को शिव-पार्वती के हुए साक्षात दर्शन | Devotees had visions of Lord Shiva-Parvati in alirajpur | Patrika News
अलीराजपुर

संत की कृपा से श्रद्धालुओं को शिव-पार्वती के हुए साक्षात दर्शन

श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन धूमधाम से हुआ शिव-पार्वती विवाह

अलीराजपुरMar 07, 2021 / 01:35 pm

tarunendra chauhan

bhagvat katha

bhagvat katha

आलीराजपुर. संत भगवान के दर्शन कराते हैं। संत वेद, पुराण के दर्शन कराते हैं। दक्ष के यहां माता सती का जन्म हुआ। शिव को पाने के लिए सती ने कठोर तप किया, जिसके बाद उन्होंने भगवान भोलेनाथ को वर के रूप में प्राप्त किया। पार्लर जाओगे तो रूप तीन से चार घंटे ही सुंदर दिखेगा, लेकिन यदि कथा पंडाल में कथा सुनने जाओगे तो संपूर्ण जीवन मन और तन सुन्दर रहेगा। यह निश्चय आपको करना है कि पल भर का सौंदर्य पाना है या फिर पूरे जीवन को सुंदर बनाना है। उक्त विचार श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन पशुपतिनाथ मंदिर प्रांगण कुम्हारवाड़ा में शास्त्री योगेश्वर जोशी (राणापुर वाले) ने कही। कथा के प्रारंभ में देवी भागवत समिति के सदस्यों ने व्यास पीठ का पूजन किया। पांचवे दिन शिव पार्वती विवाह का चित्रण करते हुए शास्त्री ने कहा कि शिव भगवान दूल्हे के रूप में अलग-अलग कई बार तैयार हुए। बारात में ढोल नगाडे व बग्घी के साथ बाराती आए व विवाह सम्पन हुआ। जोशी ने कहा की जहां भागवत कथा का विराम होता है वहीं से देवी भागवत कथा प्रारंभ होती है। पंडाल में ढोल नगाड़ो के साथ शिव की बारात नाचते गाते पहुंची तो पंडाल स्थल भोलेनाथ के जयकारों से गूंज उठा। शिव के रूप में रितेश माली व पार्वती के रूप में दीपिका माली ने किरदार निभाया। भोले बाबा चले बारात लेकर, सज रहे हंै भोले बाबा भजन गाया तो उपस्थि श्रद्धालु झूमने पर विवश हो गए।

धार्मिक आयोजन के लिए मिलेगी नि:शुल्क जगह
कथा में श्री श्री 1008 श्री शशीधराचार्य महाराज अयोध्या गादीपति आर्चाय मंदिर भी मंच पर पधारे व आशीर्वाद दिया। सातवें दिन कथा में त्रिपुरारी सुंदरी का वर्णन एवं 51 शक्तिपीठों का वर्णन किया जाएगा। प्रसादी के यजमान सागरवंशीय माली समाज आलीराजपुर थे। सभी दान-दाताओं का शास्त्री ने दुपट्टा ओढ़ाकर सम्मान किया। आलीराजपुर सागरवंशीय माली समाज ने घोषणा की है कि सोरवा रोड पर जनरल हॉस्पिटल के सामने 350 बाय 550 स्क्वेयर फीट जगह कथा, धार्मिक आयोजन, भंडारा के लिए फिल्टर पानी की व्यवस्था के साथ में नि:शुल्क दी जाएगी। मां ज्वाला देवी भागवत समिति व मां ज्वाला मंदिर निर्माण समिति के सदस्यों ने बताया कि कथा प्रतिदिन रात्रि 7 बजे 10 बजे तक होगी। अधिक से अधिक संख्या में सहपरिवार पधारकर तन, मन, धन से सहयोग प्रदान करें ताकि मां ज्वाला देवी का भव्य मंदिर बन सके। अन्त में महाआरती के साथ फरीयाली खिचड़ी प्रसादी का वितरण हुआ।
इस तरह शिव पार्वती बने।

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