कथा का वाचन करते हुए शास्त्री जोशी ने कहा कि देवी भागवत की कथा सिर्फ कलयुग में ही सुनने को मिलती है। इसलिए भागवत रूपी अमृतधारा को ह्रदय में उतारें। देवी भागवत की कथा को सुुनने से रोग नष्ट हो जाते हैं व अकाल मृत्यु नहीं होती है। जो महिला देवी भागवत कथा को श्रवण करती है उसे संतान की प्राप्ति होती है। गर्भवती स्त्री को गीता व रामचरित मानस का पाठ करना चाहिए, ताकि जन्म लेने के बाद पुत्र भगवान की तरह आज्ञा का पालन करने वाला बनता है और इससे तेजस्वी पुत्र की प्राप्ति होती है। पंडित शास्त्री ने कहा देवी भागवत कथा सुनने से व्यक्ति अमर हो जाता है।
पंडित शास्त्री ने कार्तीकेय स्वामी व अगस्त ऋषी की कथा सुनाते हुए कहा की कुपुत्र व मुर्खपुत्र घर में जन्म लेने से भगवान घर से चले जाते हैं, जो पुत्र माता-पिता की आज्ञा का पालन नहीं करता है व कुल को कलंकित करता है वह कुपुत्र कहलाता है। उन्होंने कहा देवी भागवत कथा सुनने से महामारी भी खत्म हो जाती है। मूल नक्षत्र में यदि बच्चा जन्म लेता है तो मूल की पूजा करना चाहिए ताकि मूल का दोष खत्म हो जाए। इस दौरान भजन मंडली ने जैसे ही भजन थारी चुनरी में गुण गाऊ मैया गाया तो पंडाल में उपस्थित श्रोत्रा स्वयं को नृत्य करने से रोक नहीं पाए।