कोरोना संक्रमण के चलते सरकार द्वारा पान एवं गुटके के व्यवसाय पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके चलते पान खाने के शौकिन लोगों को पान के स्वाद से मरहूम रहना पड़ रहा है। वहीं कम उम्र से लेकर अधिक उम्र के तंबाकु और गुटका व पाउच प्रेमी भी ढंूढ ढूंढकर बड़ी मुश्किल से जुगाड़ करते हुए अपनी व्यवस्था में लगे है। अधिकतर पान व्यवसाय की दुकानें नगर में बंद हैं। फिर भी कुछ दुकानदार अपने घरों से गुटखा व तंबाकु का विक्रय कर रहे हैं पर यह संख्या बहुत ही कम है। नगर के नीम चौक स्थित पान दुकानों पर उस समय विचित्र स्थिति देखने को मिली जब पीढिय़ों से पान का व्यवसाय करने वाले मदन मालवी एवं रविन्द्र मालवी ने अपनी पान की दुकान बंद होने पर वैकल्पिक व्यवसाय के तौर पर उक्त दुकान में महिला सौंदर्य प्रशाधन की सामग्री विक्रय करना प्रारंभ कर दी है। उनका कहना है कि परिवार पालने के लिए कुछ तो करना होगा इसलिए वे लोग यह व्यवसाय कर रहे हैं।
जिले में प्रत्येक दिन ग्रामीण क्षेत्र में एक निर्धारित दिवस पर हाट बाजार लगता है। इसके चलते हाट बाजार में जाने वाले व्यवसायियों का गुजर बसर अच्छे से हो जाता है, लेकिन कोरोना संक्रमण के बाद सभी साप्ताहिक हाट बंद पड़े हैं। इसके चलते इन बाजारों में अपनी सामग्री का विक्रय करने वाले व्यवसायी घर बैठने पर मजबूर हैं। वहीं कई लोगों के द्वारा हाट बंद होने के चलते अपना व्यवसाय में परिवर्तन कर लिया गया है। राम मंदिर के बैरागी परिवार द्वारा वर्षो से हाट बाजार किया जाता रहा है लेकिन अब व्यवस्था परिवर्तन के बाद उनके द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के तहत व्यवसाय परिवर्तन करते हुए सब्जी एवं फल का विक्रय किया जा रहा है।