80 से 90 किलो निकलता है वेस्ट केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा-निर्देश के अनुसार आइसोलेशन वार्ड और क्वारंटाइन सेंटर से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट को थ्री लेयर बैग में रखा जाता है। वेट्स इकट्ठा करने के बाद इसकी जानकारी वेस्ट निस्तारण करने वाली एजेंसी को दी जाती है। एजेंसी की गाड़ी वेस्ट को लेकर तुरंत प्लांट पर जाती है। वहां पर बैग को चैंबर में डालकर जला दिया जाता है। इस समय रोजाना 80 से 90 किलो बायो मेडिकल वेस्ट को सुरक्षित तरीके से निस्तारित कराया जा रहा है।
नीले की जगह पीले रंग का डस्टबिन अब तक कोविड अस्पतालों में नीले रंग का डस्टबिन रखवाया जाता था। लेकिन अब नगर निगम ने पीले रंग का डस्टबिन रखवा दिया दिया जिससे कि सफाई कर्मचारियों को उसे पहचानने में आसानी हो। इसके अलावा कूड़ा उठाने वाले निगम कर्मियों को पीपीई किट और फेस शील्ड दी जा रही है जिससे संक्रमण के दायरे में आने से सावधानी बरती जा सके।