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सुप्रीम कोर्ट ने 23 मार्च को देश में कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए जेलों में बंद विचाराधीन बंदियों की पैरोल या अतरिम जमानत पर रिहाई का निर्देश दिया था। जेलों मे क्षमता से अधिक बंदियों की संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों में हाई पावर कमेटी गठित कर बंदियों की श्रेणियां तय कर रिहाई की प्रक्रिया अपनाने को कहा है। कमेटी ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के परामर्श व सहायता से 7 साल तक की सजा वाले अपराध के बंदियों की रिहाई की कार्रवाई की। जिसमे अधीनस्थ अदालतों ने सहयोग दिया। यह प्रक्रिया अभी भी जारी है। अभी और अधिक बंदियों की रिहाई की जा सकती है।