उसके बाद बिना सूचना दिए आदेश सुरक्षित कर लिया गया और फिर 18 अप्रैल 2019 के अंतिम आदेश के तहत उन्हें पांच वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया। इस आदेश की प्रति विपक्षी ने उन्हें पांच माह बाद प्राप्त कराई। सुनवाई के बाद चेयरमैन ने 18 अप्रैल 2019 के आदेश का क्रियान्वयन स्थगित करते हुए वादिनी नीलू चौहान को नोटिस जारी कर दिया है।
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