सुमित तिवारी और मोहित कुमार सहित सौकड़ों की याचिका पर न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल की पीठ सुनवाई कर रही है।
याचीगण के अधिवक्ता सीमांत सिंह के मुताबिक 41610 सिपाही भर्ती में गलत क्षैतिज आरक्षण लागू करने का मामला हाईकोर्ट गया था। हाईकोर्ट ने क्षैतिज आरक्षण को गलत मानते हुए बोर्ड को संशोधित परिणाम जारी करने का निर्देश दिया था।
इस आदेश के पालन में भर्ती बोर्ड ने 1 अप्रैल 2018 को परिणाम संशोधिन के बाद जनरल, ओबीसी और एससी अभ्यर्थियों की कट ऑफ मेरिट जारी की औऱ पात्र उम्मीदवारों को मेडिकल टेस्ट के लिए बुलाया गया। मगर 13 अप्रैल 2018 को विज्ञापन संशोधित कर दिया गया। नए सिरे में सिर्फ क्षैतिज आरक्षण के खिलाफ याचिका करने वाले 77 को ही मेडिकल टेस्ट के लिए बुलाय गया है।
13 अप्रैल के विज्ञापन को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है कहा गया कि कट ऑफ मेरिट में आने वाले सभी अभ्यार्थियों को चयन हेतु बुलाया जाए न कि सिर्फ याचीगण को। कोर्ट ने विज्ञापन के क्रियान्वयन पर रोक लगाते हुए पुलिस भर्ती बोर्ड से आरक्षण और भर्ती प्रक्रिया से संबंधित मूल दस्तावेज तलब कर लिए है। मामले की सुनवाई 25 मई को होगी।