याची पीपुल्स फ्रंट के अधिवक्ता प्रान्जल शुक्ला ने कहा कि पिछले सप्ताह नोएडा में अस्पतालों में भर्ती लेने से मना करने के चलते एक गर्भवती महिला की मौत चुकी है। उन्होंने कोविड मरीजों के अलावा अन्य किसी मरीज का इलाज करने को प्रतिबंधित करने सम्बन्धी सरकारी नीतियों को असंवैधानिक बताते हुए इस रद्द करने की अदालत से मांग की।
कोर्ट ने इस जनहित याचिका में सरकार का पक्ष रख रहे अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से कहा कि वह 18 जून को इस मामले में सरकार से जरूरी जानकारी लेकर अपना पक्ष रखें। याचिका में 23 मार्च 2020 व 31 मई 2020 के उस अधिसूचना को चुनौती दी गयी है, जिसके द्वारा कोविड मरीजों के अलावा अन्य मरीजों के इलाज को सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में प्रतिबंधित कर दिया गया है। मांग की गयी है कि कोविड 19 मरीजों के अलावा अन्य मरीजों का भी इलाज अस्पतालों में किया जाये। यह भी मांग की गयी है कि कोविड मरीजों के इलाज के लिए अलग से इंफ़्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाये। हाईकोर्ट इस मामले में इसी सप्ताह बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगी ।