अब सदस्य दो और तीन नवम्बर को चंदा जमा कर सकेंगे। ऐसे चंदा जमा करने वाले सदस्यों को मतदाता सूची में शामिल किया जायेगा। वन बार वन वोट के मुद्दे पर घनश्याम दूबे की याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति तरूण अग्रवाल, न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की खण्डपीठ ने यह आदेश दिया है।
कोर्ट के समक्ष संशोधन अर्जी दाखिल कर सदस्यता शुल्क जमा करने की तिथि बढ़ाने की मांग की है। अधिवक्ता यू.एन.शर्मा, वी.सी.मिश्रा आदि ने कोर्ट को बताया कि 26 नवम्बर को नगर निगम का चुनाव होना है। इस स्थिति में बार का चुनाव 24 नवम्बर को कराना मुमकिन नहीं है।
पर्याप्त संख्या में सुरक्षा उपलब्ध नहीं हो पायेगी । कोर्ट ने चुनाव की तिथि को बढ़ाकर एक दिसम्बर तक कराने का आदेश दिया है। सदस्यता शुल्क की तिथि को बढ़ाते हुए कोर्ट ने दो दिन का समय दिया है।
इसके बाद मतदाता सूची को संशोधित करते हुए सदस्यों का नाम शामिल किया जायेगा। दस नवम्बर से तेरह नवम्बर तक नामांकन होगा। चौदह नवम्बर को नाम वापसी और 15 नवम्बर को नामांकन पत्रों की जांच और सोलह को वैध प्रत्याशियों की सूची जारी होगी। मतदान एक दिसम्बर को सुबह दस बजे से सायं पांच बजे तक होगा।
नगर पालिका भदोही को पिछड़ा वर्ग घोषित करने पर जवाब तलब
उच्च न्यायालय ने नगर पालिका परिषद भदोही को पिछड़ा वर्ग घोषित करने के खिलाफ याचिका पर राज्य सरकार से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है और कहा है कि आरक्षण के आधार पर होने वाले चुनाव को याचिका के निर्णय पर निर्भर करार दिया है।
कोर्ट ने कहा कि नगर पालिका की आबादी 2011 की जनगणना व अक्टूबर 2011 में हुए रैपिड सर्वे में 74522 से बढ़कर 94620 हो गयी किन्तु पिछड़े वर्ग की आबादी 28315 से बढ़कर 64628 बताया गया। कोर्ट ने कहा है कि प्रथम दृष्टया सर्वे वास्तविक न होकर मैकेनिकल तरीके से किया गया है। याचिका की अगली सुनवाई 20 नवम्बर को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति तरूण अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति अजय भनोट की खण्डपीठ ने राजेश कुमार गुप्ता की याचिका पर दिया है। बारह अक्टूबर को जारी अधिसूचना से भदोही नगर पालिका परिषद को पिछड़ा वर्ग घोषित कर दिया गया है।
राज्य सरकार का कहना है कि गिरधारी लाल केस में कोर्ट ने 16 अगस्त 17 के आदेश से रैपिड सर्वे 21 अक्टूबर तक पूरा करने तथा 25 अक्टूबर 17 तक अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया था।
जिस पर यह सर्वे किया गया है। पिछले चुनाव में नगर पालिका परिषद भदोही आरक्षित नहीं थी। पिछड़े वर्ग की आबादी अधिक दिखाते हुए इस बार पिछड़ावर्ग घोषित कर दिया गया है।