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इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, दहेज मांगना अपराध पर ताना मारना नहीं

Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दहेज मांगने के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है, “दहेज मांगना अपराध लेकिन कम दहेज का ताना देना दंडनीय नहीं है।”

प्रयागराजMay 22, 2024 / 10:33 am

Sanjana Singh

Allahabad High Court

Allahabad High Court

Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि दहेज मांगना अपराध है पर कम दहेज का ताना मारना दंडनीय नहीं है। यह फैसला न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की अदालत ने पीड़िता की दो ननद और देवर पर दहेज उत्पीड़न के लगे आरोपों को रद्द करते हुए सुनाया। मामला बदायूं जिले के बिल्सी थाना क्षेत्र का है। 

विवाहित देवर, ननद के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का आरोप रद्द

पीड़िता का निकाह सात मई 2017 को शब्बन खान के संग हुआ था। पीड़िता ने दिसंबर माह में पति शब्बान खान, सास शाहीदान खान, देवर अच्छे खान, ननद महताब और कुमारी निदा के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि शादी के दौरान पति ने कार की मांग की थी, न दिए जाने पर उसके पति और सभी आरोपियों ने कम दहेज देने का ताना मरते हुए मारपीट कर घर से निकाल दिया। 
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पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया। इसके खिलाफ पति समेत सभी आरोपियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। साल 2018 में ही पति शब्बान की अर्जी हाईकोर्ट ने खारिज कर दी और याचिका लंबित रहने के दौरान सास की मौत हो गई। बाकी बचे विवाहित देवर अच्छे और ननद महताब और निदा की याचिका पर विचार करते हुए अदालत ने याचिका को स्वीकार करते हुए तीनों पर लगे दहेज उत्पीड़न के आरोप को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि दहेज मांगना अपराध है। लेकिन कम दहेज का ताना मारना दंडनीय नहीं है।

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