कोर्ट ने इन सभी अधिकारियों को 4 सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है कि क्यों न उनके विरुद्ध अवमानना कार्यवाही शुरू की जाए। इन पर कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने का आरोप है। यह आदेश न्यायमूर्ति एम.सी. त्रिपाठी ने जौनपुर के दिनेश कुमार व अन्य की अवमानना याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता रवीन्द्र नाथ यादव ने बहस की। इनका कहना है कि याचीगण मनरेगा स्कीम में कंप्यूटर आपरेटर के रूप में संविदा पर नियुक्त हुए। शुरू में मानदेय 3000 था। जिसे बाद में बढ़ाकर 8000 किया गया और पुनः 10000 कर दिया गया किन्तु उन्हें तीन हजार मानदेय ही दिया गया। याचिका में 8000 मानदेय देने की मांग की गई।
कोर्ट ने जिलाधिकारी को इस संबंध में निर्णय लेने का आदेश दिया तो जिलाधिकारी ने कहा कि याचीगण न्यूनतम अर्हता ओ लेवल डिग्री नहीं रखते हैं। इसलिए कंप्यूटर सहायक के रूप में 8000 प्रतिमाह मानदेय पाने के हकदार नहीं हैं। कोर्ट ने इस आदेश को रद्द करते हुए जिलाधिकारी को 26 मई 2009 एवं 29 मई 2009 के शासनादेश के तहत नए सिरे से मानदेय भुगतान के संबंध में 3 माह में निर्णय लेने का आदेश दिया। इस आदेश का पालन न करने पर यह अवमानना याचिका दाखिल की गई है।
BY- Court Corrospondence