यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने बुलन्दशहर निवासी सेवानिवृत्त पुलिस उपनिरीक्षक मोहम्मद इब्राहिम खान व आगरा निवासी पूर्व पुलिस निरीक्षक सन्तोष कुमार सिंह की अवमानना याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता बी.एन.सिंह राठौर ने बहस की। मालूम हो कि हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को याचीगण की बकाया ग्रेच्युटी मय व्याज के 3 माह में भुगतान का आदेश दिया था जिसके खिलाफ विशेष अपील भी खारिज हो गयी। कोर्ट ने आदेश पालन कर रिपोर्ट मांगी तो विपक्षियों ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि बकाया धन राशि की गणना कर ली गयी है। शासन से बजट मांगा गया है। बजट आते ही भुगतान कर दिया जायेगा। किन्तु कोर्ट ने इसे नहीं माना और कहा कि बजट दिलाने का काम कोर्ट का नहीं है। विपक्षीगण 29 मार्च को भुगतान कोर्ट में भेजे या कोर्ट में हाजिर हो। सुनवाई 29 मार्च को होगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हापुड़ के धौलाना ब्लाक प्रमुख तेजपाल की आपराधिक मामले में पुलिस रिपोर्ट पेश होने तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। याची के खिलाफ पिलखुआ थाने में लोक सम्पत्ति को हड़पने के आरोप में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है।
यह आदेश न्यायमूर्ति गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति अशोक कुमार की खंण्डपीठ ने तेजपाल की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि एफ. आई.आर. से अपराध का खुलासा ही रहा ऐसे में उसे रद्द करने का कोई कारण नही है किंतु केस की स्थिति को देखते हुए गिरफ्तार न करने का आदेश दिया है। याची अधिवक्ता आशीष कुमार सिंह का कहना था कि याची की पत्नी सपा के टिकट पर जिला पंचायत का चुनाव लड़ी थी। राजनीतिक उद्देश्य से याची के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। कोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दिया है।