याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेंद्र व मोदी की तरफ से अधिवक्ता के.आर. सिंह व सन्तोष ने पक्ष रखा। ज्ञात हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दाखिल चुनाव याचिका पर उनकी तरफ से बहस पूरी होने पर याची तेज बहादुर का पक्ष सुनने के लिए 23 अक्तूबर की तारीख निर्धारित की थी।
न्यायमूर्ति एमके गुप्ता ने याची की ओर से पक्ष प्रस्तुत करने के लिए समय मांगे जाने पर दिया था। सुनवाई के दौरान प्रधानमंत्री के अधिवक्ता सत्यपाल जैन ने अपने तर्क में कहा था कि याची को याचिका दाखिल करने का न्यायिक अधिकार ही नहीं है। क्योंकि याची ने उन शर्तों और औपचारिकताओं का पालन नहीं किया है, जो एक प्रत्याशी के लिए आवश्यक होती है। यह भी कहा था कि तकनीकी खामियों को देखते हुए याचिका खारिज किये जाने योग्य है। अधिवक्ता श्री जैन ने कहा कि यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के अनेक आदेशों, चुनाव आयोगों के निर्देशों और अन्य चुनाव कानूनों को दृष्टिगत रखते हुए पोषणीय नहीं है। अपने तर्क के समर्थन में उन्होंने कागजात प्रस्तुत करते हुए याचिका की पोषणीयता पर आपत्ति की थी।
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