यह आदेश न्यायमूर्ति तरूण अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति अजय भनोट की खण्डपीठ ने औसाफ की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता प्रेम कुमार चौरसिया ने बहस की। पतंजलि कंपनी की तरफ से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि आवंटित जमीन पर एक हजार करोड़ खर्च होने हैं। 25 नवम्बर 2016 को 430 एकड़ जमीन कंपनी को दी गयी। जिसमें से 130 एकड़ पतंजलि आयुर्वेद को तथा 300 एकड़ जमीन पतंजलि फूड एण्ड हर्बल पार्क नोएडा के नाम आवंटित की गयी है। याचीगण को प्लाट संख्या 828(क) पट्टे पर दी है। छह हेक्टेयर इस जमीन पर याची ने पेड़ लगाया था, जिसे बुल्डोजर लगाकर उखाड़ दिया गया।
कसाना मार्केट में पशु बाजार रोकने के मामले एडीएम को निर्देश इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने संभल के एडीएम वित्त को कसाना मार्केट में पशु बाजार रोकने के मामले में याची के प्रत्यावेदन दस दिन में निर्णीत करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता तथा न्यायमूर्ति जयन्त बनर्जी की खण्डपीठ ने श्रीमती वीरवती की याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता अरविन्द कुमार मिश्र का कहना था कि याची 1995 से अपनी जमीन पर पशु बाजार व अन्य सामान बेचने का काम कर रही है। जिसके लिए जिला पंचायत को निर्धारित फीस जमा की है। गुन्नौर के विधायक अजीत उर्फ राजू यादव की शिकायत पर एडीएम ने बिना लाइसेंस के पशु बाजार लगाने पर रोक लगा दी। 28 अक्टूबर 17 को जारी आदेश को याचिका में चुनौती दी गयी थी। याची का कहना है कि 2015 से पशु बाजार बन्द है। सब्जी व मसाला का बाजार लगाया जा रहा है, जिसके लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं है।