यह आदेश न्यायमूर्ति बी अमित स्थालेकर ने मेसर्स भारत संचार निगम लि. की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता बी.के.एस. रघुवंशी ने बहस की। मालूम हो कि रवीन्द्र कुमार मिश्र ने दैनिक वेतन पर ड्राइवर के रूप में कार्य किया। 12 फरवरी 99 को हटा दिया गया जिसे अधिकरण में चुनौती दी गयी। अधिकरण ने बकाया वेतन सहित विधवा नीलम मिश्रा को 25 हजार मुआवजा देने का आदेश दिया। इसे याचिका में चुनौती दी गयी थी। कोर्ट ने कहा कि बर्खास्तगी अवैध घोषित होने मात्र से कर्मी बकाया वेतन पाने का हकदार नहीं हो जाता। अधिकरण ने धारा-25 के अंतर्गत सेवासमाप्ति को अवैध माना था। कोर्ट ने बकाया वेतन देने को सही नहीं माना।
BY- Court Corrospondence