scriptइलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- भरण-पोषण आवेदन की तिथि से दिया जाना चाहिए न कि आदेश की तिथि से | Allahabad High Court said maintenance should be given from the date of | Patrika News
प्रयागराज

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- भरण-पोषण आवेदन की तिथि से दिया जाना चाहिए न कि आदेश की तिथि से

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि भरण-पोषण आवेदन की तिथि से दिया जाना चाहिए न कि आदेश की थिति से। इस मामले में रजनीश बनाम नेहा और अन्य, (2021) 2 एससीसी 324 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लेख करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है। इस मामले में जस्टिस समित गोपाल की खंडपीठ ने यह टिप्पणी करते हुए आदेश की तारीख से एक महिला और उसके छोटे बच्चों को भरण-पोषण देने का पुनरीक्षण न्यायालय का निर्णय को अवैध करार दिया।

प्रयागराजMar 20, 2022 / 12:36 pm

Sumit Yadav

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- भरण-पोषण आवेदन की तिथि से दिया जाना चाहिए न कि आदेश की तिथि से

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- भरण-पोषण आवेदन की तिथि से दिया जाना चाहिए न कि आदेश की तिथि से

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भरण-पोषण के लिए दाखिल की याचिका पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण फैसला लिया है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि भरण-पोषण आवेदन की तिथि से दिया जाना चाहिए न कि आदेश की थिति से। इस मामले में रजनीश बनाम नेहा और अन्य, (2021) 2 एससीसी 324 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लेख करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है।
यह है पूरा मामला

इस मामले में जस्टिस समित गोपाल की खंडपीठ ने यह टिप्पणी करते हुए आदेश की तारीख से एक महिला और उसके छोटे बच्चों को भरण-पोषण देने का पुनरीक्षण न्यायालय का निर्णय को अवैध करार दिया। हाईकोर्ट 2005 में प्रस्तुत एक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें 1 अप्रैल 2005 को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, अलीगढ़ द्वारा जारी किए गए निर्णय और आदेश में चुनौती दी गयी थी। पुनरीक्षण न्यायालय ने अपने आदेश दिनांक 31-8-2002 से भरण पोषण आदेश की तिथि से देने का आदेश दिया था। इसी मामले में कोर्ट ने हर माह 1000 रुपये और नाबालिग बच्चों को 400 रुपये का भरण पोषण रुपये देना का निर्णय अमान्य था।
यह भी पढ़ें

मंत्री नंद गोपाल नंदी ने कार्यकर्ताओं और जनता संग खेली फगवा व भगवा होली, गले लगा कर दी शुभकामनाएं

यह रही थी मांग

इस मामले में कोर्ट ने सबसे पहले रजनीश बनाम नेहा और अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया। जिसमें यह फैसला सुनाया गया था कि भरण पोषण आवेदन की तारीख से दिया जाना चाहिए। इसके अलावा, रजनीश के मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्थापित कानून के आलोक में आपराधिक पुनरीक्षण को आंशिक रूप से अनुमति दी गई थी और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, अलीगढ़ द्वारा पारित निर्णय और आदेश को रद्द कर दिया गया।

Home / Prayagraj / इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- भरण-पोषण आवेदन की तिथि से दिया जाना चाहिए न कि आदेश की तिथि से

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो