अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने सोमवार को नामांकन के लिये पर्चा खरीदकर राजनैतिक हलकों में हलचल मचा दी। उन्होंने अपने अलावा एक परचा पति के नाम का भी खरीदा। अखिलेश यादव की ओर से विधानसभा चुनाव में टिकट काटे जाने के बाद भी अतीक ने समाजवादी पार्टी का साथ नहीं छोड़ा था। बल्कि उन्होंने सपा के खिलाफ निर्दल या किसी दूसरी पार्टी से चुनाव लड़ने से भी मना कर दिया था। उन्होंने समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर भरोसा जताया था। पर फूलपुर उपचुनाव में बाहुबली अतीक अहमद के इस दांव से समाजवादी पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। उनके या उनकी पत्नी के मैदान में आने से वोटों के ध्रुविकरण की संभावना प्रबल होगी। इस स्थिति में जहां विपक्ष, खासकर सपा को नुकसान होगा तो भाजपा फायदे में रहेगी।
बाहुबली अतीक अहमद इलाहाबाद की फूलपुर संसदीय सीट से सांसद रह चुके हैं। इस सीट पर उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर 2004 में लोकसभा का चुनाव जीते। 25 जनवरी 2005 को इलाहाबाद पश्चिम के बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के बाद इसका आरोप अतीक अहमद पर लगा। 2007 में मायावती की सरकार आने के बाद बाहुबली की मुसीबतें बढ़ीं और एक के बाद एक दर्ज हुए मुकदमों से घबराकर अतीक अंडरग्राउंड हो गए।