बता दें कि 28 मार्च को एक किडनैपिंग मामले में अतीक को कोर्ट में पेश होना है। अदालत इस दिन अपना फैसला सुनाएगी। जिसमें वह आरोपी है। वहीं इस मामले में अतीक के भाई अशरफ को भी पेश होना है। पुलिस उसे बरेली जेल से प्रयागराज लाई है।
राजू पाल हत्याकांड में गवाह बनने के बाद उमेश पाल के ऊपर खतरा मंडराने लगा था। अतीक ने कई लोगों से कहलवाया कि वह केस से हट जाए नहीं तो उसे दुनिया से हटा दिया जाएगा। उमेश नहीं माने तो 28 फरवरी 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया। उसे करबला स्थित कार्यालय में ले जाकर अतीक ने रात भर पीटा था। उससे हलफनामे पर दस्तखत भी करवा लिए थे।
अगले दिन उमेश ने अतीक के पक्ष में अदालत में गवाही भी दे दी। हालांकि वह समय बदलने का इंतजार कर रहे थे। जब 2007 में बसपा सरकार बनी तो उमेश ने अपने अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। इसी मुकदमे में पैरवी कर 24 फरवरी को उमेश घर लौट रहे थे, तभी उनकी हत्या कर दी गई। अब इस मामले में कोर्ट 28 मार्च को अपना फैसला सुनाएगा।
उमेश पाल हत्याकांड में एक बार फिर माफिया अतीक अहमद का नाम सामने आया है। इस हत्याकांड में अतीक का पूरा परिवार नामजद है। अतीक की पत्नी और बेटा असद फरार है। जिसकी पुलिस तलाश कर रही है। वहीं उनके दो नाबालिग बेटों को बाल सुधार गृह में रखा गया है।