2004 में पड़ी अतीक और राजू पाल के बीच दुश्मनी की बुनियाद
देश में 2004 में आम चुनाव हो चुके थे। यूपी की फूलपुर लोकसभा सीट से अतीक अहमद ने सपा के टिकट पर जीत हासिल की। इससे पहले वह इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट से विधायक था। अतीक के सांसद बन जाने के बाद इलाहाबाद पश्चिम सीट खाली हो गई। कुछ दिनों बाद उपचुनाव का ऐलान हुआ। इस सीट पर हुए सपा ने अतीक अहमद के छोटे भाई अशरफ को अपना उम्मीदवार बनाया गया लेकिन बसपा ने अशरफ के सामने राजू पाल को अपना प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतार दिया। जब उपचुनाव हुआ तो चौकाने वाले नतीजे सामने आए। बसपा प्रत्याशी राजू पाल ने अतीक के भाई अशरफ को हरा दिया।
25 जनवरी 2005 को गोलियों की आवाज से दहल गया था प्रयागराज
उपचुनाव में अशरफ की हार से अतीक खेमे में खलबली थी। धीरे-धीरे मामला शांत भी हो चुका था। राजू पाल की जीत की खुशी ज्यादा दिन कायम नहीं रही। पहली बार विधायक बने राजू की कुछ महीने बाद ही 25 जनवरी 2005 को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड में देवी पाल और संदीप यादव नाम के दो लोगों की भी मौत हुई थी, जबकि दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस सनसनीखेज हत्याकांड ने यूपी की सियासत में भूचाल ला दिया था। इस सनसनीखेज हत्याकांड में सीधे तौर पर तत्कालीन सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ का नाम सामने आया था।
राजू पाल की पत्नी पूजा ने कराई FIR, उमेश पाल बने मुख्य गवाह
विधायक राजू पाल की हत्या से पूरा इलाका सन्न था। बसपा ने सपा सांसद अतीक अहमद के खिलाफ धावा बोल रखा था। उसी दौरान दिवंगत विधायक राजू पाल की पत्नी पूजा ने थाना धूमनगंज में हत्या का मामला दर्ज कराया था। उस रिपोर्ट में सांसद अतीक अहमद, उनके भाई अशरफ, खालिद अजीम को नामजद किया गया था। मामला दर्ज हो जाने के बाद पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी थी।
इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस में उमेश पाल एक अहम चश्मदीद गवाह था जब केस की छानबीन आगे बढ़ी तो उमेश पाल को धमकिया मिलने लगी थीं उसने अपनी जान खतरा बताते हुए पुलिस और कोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई थी इसके बाद कोर्ट के आदेश पर उमेश पाल को यूपी पुलिस की तरफ से सुरक्षा के लिए दो गनर दिए गए थे.
ऐसे कसता गया अतीक पर कानूनी शिकंजा
• 6 अप्रैल 2005: विधायक राजूपाल हत्याकांज की जांच पड़ताल और छानबीन में जुटी पुलिस ने रात दिन एक कर दिया था। पुलिस ने इस हत्याकांड की जांच करने के बाद तत्कालीन सपा सांसद अतीक अहमद और उनके भाई समेत 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।