script371 तारीख 359 सवाल 157 पेज की बहस के बाद आया फैसला, जानिये अयोध्या आतंकी हमले केस में कब क्या हुआ | Ayodhya Terror attack case decision after fourteen years | Patrika News
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371 तारीख 359 सवाल 157 पेज की बहस के बाद आया फैसला, जानिये अयोध्या आतंकी हमले केस में कब क्या हुआ

चार को आजीवन कारावास एक दोष मुक्त

प्रयागराजJun 18, 2019 / 05:19 pm

प्रसून पांडे

atanki hamla

ayodhya

प्रयागराज। चौदह बरस बाद भगवान राम को न्याय मिला, वर्षों चली न्यायिक प्रक्रिया के बाद स्पेशल जज एससी,एसटी दिनेश चन्द्र ने अहम फैसला सुनाते हुए चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई साथ ही एक को साक्ष्य के आभाव में दोष मुक्त किया । पांच जुलाई 2005 की सुबह सवा नौ बजे अयोध्या के राम जन्मभूमि परिसर में हुए आतंकी हमले ने पुरे देश को हिला कर रख दिया था।
लश्कर.ए.तैयबा से जुड़े थे आतंकी
राम जन्म भूमि पर अत्याधुनिक हथियारों से लैश पांच आतंकियों ने फिदाईन हमला किया । एके47,राकेट लांचर और अन्य अत्याधुनिक असलहों के साथ आतंकियों ने जमकर खून खराबा किया।आतंकियों ने राम जन्मभूमि तक पहुंचने के लिए जिस जीप का इस्तेमाल किया था। सबसे पहले रॉकेट लांचर उसको उड़ाया और फिर सुरक्षाबलों के साथ एक घंटे से ज्यादा समय तक जमकर मुठभेड़ हुई। जिसमें पांचों आतंकवादी मौके पर ढेर किए गए। अधिशासी अभियंता गुलाब चंद्र अग्रहरी के मुताबिक यह सभी आतंकवादी लश्कर.ए.तैयबा से जुड़े हुए थे और बाबरी मस्जिद के विध्वंस का बदला लेने के लिए अयोध्या में आतंकी हमला किया था ।
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हाईकोर्ट के आदेश पर नैनी जेल में हुए स्थानांतरित
उन्होने कहा की ये राष्ट्र के संविधान की जीत है। उन्होंने कोर्ट का धन्यवाद दिया कहा की लंबी प्रक्रिया को सुनकर न्यायोचित कार्यवाही की गई है। अयोध्या आतंकी हमले में दो निर्दोषों को जन्मभूमि परिसर में अपनी जान गंवानी पड़ी थी। कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे।राम जन्मभूमि पर आतंकवादी हमले ने पूरे देश में सनसनी फैला दी थी। आतंकी हमले की जांच में पांच गुनहगारों को पकड़ा गया जिन्होंने आतंकवादियों की मदद थी।जिन्हें 2006 में हाईकोर्ट के निर्देश पर नैनी सेंट्रल जेल प्रयागराज में स्थानांतरित किया गया। यहां पर मुकदमे की सुनवाई विशेष न्यायाधीश ने की 63 गवाहों का बयान इस मामले में दर्ज किया गया।नैनी जेल में लाने के बाद सुरक्षा कारणों से पूरी सुनवाई नैनी जेल में ही पूरी की गई ।

371 तारीख में पूरी हुई सुनवाई
इस मामले में लंबी सुनवाई और कानूनी प्रक्रिया के बाद फैजाबाद सेशन जज 19 अक्टूबर 2016 को आरोप तय कर दिया। इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर 8 दिसंबर 2016 को मुकदमा प्रयागराज ट्रांसफर किया गया। जिलाधिकारी व एसएसपी ने जिला जज के सहयोग से मुकदमे की सुनवाई केंद्रीय कारागार नैनी में शुरू हुई।अधिशासी अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरी ने बताया कि इस मुकदमे में 371 डेट लगाई गई थी। 359 सवाल बनाए गए थे 157 पेज की लिखित बहस हुई थी।
दो लाख चालीस हजार का जुर्माना
अयोध्या आतंकी हमले की सुनवाई का सभी को बेसब्री से इंतजार था मंगलवार की सुबह से ही नैनी जेल की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।स्पेशल जज एससी एसटी दिनेश चन्द्र दोपहर दो बजे के बाद नैनी जेल पहुंचे । साथ ही डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चन्द्र अग्रहरि और बचाव पक्ष के वकील भी सेन्ट्रल जेल पहुंचें । सबकी नजर दोषियों के परिवार वालों पर भी रहे लेकिन कोई भी सामने नही आया।लगभग साढ़े तीन बजे कोर्ट का फैसला आया जिसमें चार आरोपियों को स्पेशल कोर्ट ने डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चन्द्र अग्रहरि ने जानकारी दी की आजीवन कारावास की सजा सुनाई जिसमें डॉ इरफान, मोहम्मद नसीम, शकील अहमद और आसिफ इकबाल उर्फ फारुख को सुनायी उम्र कैद की सजा सुनाई गई । चारों पर दो लाख चालीस हजार का कोर्ट ने जुर्माना लगाया।

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