पांच जुलाई 2005 को अयोध्या राम जन्मभूमि का आतंकी हमला जिसका फैसला गुरुवार 30 नवम्बर को आने वाला था। राम जन्मभूमि मामले की सुनवाई बीते दिनों पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। 12 साल पहले हुए इस आतंकी हमले के आरोपी इलाहाबाद के नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं। मुकदमे की सुनवाई विशेष अदालत कर रही है। पिछली तारीखों में विशेष न्यायाधीश प्रेमनाथ ने उभयपक्ष की दलीलों को सुना था। वहीं सहायक शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि व बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि उन्हें अब कोई दलील नहीं पेश करनी है। इसके साथ ही 30 नवंबर की तारीख फैसले की तारीख मुकर्रर की गई थी।
अयोध्या से देश को हिलाने की कोशिश
घटना के बाद एजेंसियों की ओर से कहा गया कि बाबरी मस्जिद के गिराए जाने के बाद साजिश के तहत बाबरी के विध्वंस का बदला लेने के लिये इस आतंकी घटना को अंजाम दिया गया था। रामलला के अस्थायी मंदिर को तबाह करने के लिये आरोपी आतंकियों ने मंदिर परिसर को निशाना बनाकर हमला किया था। जांच के मुताबिक़ अयोध्या में हमला कर देश में दो संप्रदायों के बीच उन्माद पैदा करने और देश में अशान्ति फैलाने और एक धर्म विशेष के समुदाय को भडकाने की साजिश थी। राम जन्म भूमि में हैंड ग्रेनेड, एक 47 व राकेट लांचर जैसे आधुनिक हथियारों से लैस होकर आतंकियों ने हमला किया था। इस हमले और गोली बारी में आतंकियों ने अपनी जीप को ब्लास्ट कर उड़ा दिया था।
अयोध्या में आतकी हमला करने वाले हमलावर आतंकी जम्मू और यूपी के थे। जिसमें आसिफ इकबाल उर्फ फारुख पुत्र मो. बशीर निवासी सखी मैदान थाना मेंडर जिला पुंछ जम्मू, मो. नसीम पुत्र फिरोजदीन निवासी डेरा मेंडर थाना मेंडर जिला पुंछ जम्मू, मो. अजीज पुत्र बशीर निवासी पाटीदार थाना मेंडर जिला पुंछ जम्मू, शकील अहमद पुत्र नजीर अहमद निवासी सखी मैदान थाना मेंडर जिला पुंछ जम्मू व डॉ. इरफान पुत्र असलम खान निवासी शेख जादगानान कस्बा थाना तीतरो सहारनपुर यूपी से शामिल थे। ये नैनी सेंट्रल जेल में बंद है।
by PRASOON PANDEY