गौरतलब है की लोक सेवा आयोग द्वारा पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षा शुरू होने के दूसरे दिन विवादित हो गई। जिसको लेकर लोक सेवा आयोग सहित सरकार भी सवालों के घेरे में आई थी । दरअसल में आयोग से आयोजित होने वाली परीक्षा को लेकर बीती सरकार से ही बवाल होता आ रहा है । जिसके बाद लम्बे जद्दोजहद के बाद हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीमकोर्ट तक हस्तक्षेप के बाद पीसीएस मेंस 2017 की परीक्षा शुरू हुई थी।मेंस शुरू होने के दूसरे दिन पहली पाली में हिंदी का प्रश्न पत्र गलत बट गया । जिसको लेकर पीसीएस मेन्स की परीक्षा पूरी तरह रद्द करने की मांग को लेकर जमकर हंगामा हुआ था ।
2017 पीसीएस परीक्षा के लिए इसका विज्ञापन दिसंबर 2016 में निकाला गया था। जिसकी अंतिम तिथि 22 जनवरी 2017 थी। इसी बीच सूबे की सरकार बदलने के बाद सी सैट से प्रभावित छात्रों को दो अतिरिक्त अवसर दिए जाने की मांग शासन ने मान ली। जिसके चलते अप्रैल से 9 मई 2017 तक दुबारा फॉर्म भरा गया। उस समय इसके प्री की परीक्षा 19 मार्च को प्रस्तावित थी। लेकिन जब सीसैट प्राइवेट छात्रों को दो अतिरिक्त अवसर दिए गए तो परीक्षा की तिथि बदलकर 21 मई कर दी गई । लेकिन 21 मई को भी परीक्षा आयोग नहीं करा पाया। इसकी परीक्षा 24 सितंबर 2017 में करायी गई।जिसका परिणाम जनवरी 2018 को घोषित हुआ।
जिसके बाद 197 छात्र हाईकोर्ट चले गए उनका आरोप था, कि 3 प्रश्न गलत है ।जिनकी दोबारा जांच होनी चाहिए ।जिस पर हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि दोबारा जांच के बाद परिणाम घोषित किए जाए । जिसके बाद आयोग ने पीसीएस मेंस की परीक्षा के लिए 17 मार्च 2018 की डेट घोषित की ।जिस पर आयोग परीक्षा कराने में असफल रही । फिर 17 मई को यह तिथि निर्धारित हुईए लेकिन फिर भी परीक्षा नहीं हो सकी । जिसके बाद 18 जून से परीक्षा शुरू हुई एक बार फिर दूसरे ही दिन हंगामे की भेंट चढ़ गई