यूपी बार काउंसिल के अध्यक्ष हरिशंकर सिंह ने प्रदेश के सभी जिला न्यायालयों और उच्च न्यायालय में असलहों के साथ प्रवेश पर रोक लगाने और प्रवेश द्वारों पर सुरक्षा कर्मी तैनात करने की भी मांग की है। इसके साथ ही न्यायालय परिसर में प्रवेश के लिए डोर फ्लोर मेटल डिटेक्टरएस्कैनिंग मशीन और सीसीटीवी कैमरे लगाकर सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी करने की भी मांग की है। उन्होंने यूपी बार काउंसिल के सभी चुने हुए सदस्यों को अधिवक्ता प्रतिनिधि होने के नाते समुचित प्रोटोकॉल और सुरक्षा देने की मांग की है।
इसके साथ ही यूपी बार काउंसिल के अध्यक्ष हरिशंकर सिंह ने नई प्रैक्टिस शुरु करने वाले अधिवक्ताओं को तीन साल तक राज्य सरकार की ओर से पांच हजार का स्टाइपेंड भी दिए जाने की मांग की है।साथ ही बुजुर्ग अधिवक्ताओं को पेंशन सुविधा देने की मांग की है। उन्होंने राज्य सरकार पर अधिवक्ताओं के हितों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए मांगे न माने जाने पर बार काउंसिल की ओर से कड़े कदम उठाने की चेतावनी भी दी है। इन सबके बीच अध्यक्ष पद की कुर्सी की तकरार भी साफ़ दिखती रही ।
दरवेश सिंह की हत्या के बाद यूपी बार काउंसिल में अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर कार्यवाहक अध्यक्ष और यूपी बार काउंसिल के अध्यक्ष की तकरार साफ दिखने लगी है। प्रयागराज पहुंचे हरिशंकर सिंह ने अपने आप को असली अध्यक्ष बताया।उन्होंने कहा कि अध्यक्ष चुने जाने के बाद कार्यवाहक अध्यक्ष की कोई जरूरत नहीं होती है। वही कार्यवाहक अध्यक्ष अटल का कहना है कि बार काउंसिल की नियमावली सेक्शन 17 में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का कार्यकाल 1 साल का होता है। बराबर वोट मिलने पर कार्यकाल छः छः का होता है अध्यक्ष के नहीं रहने पर उपाध्यक्ष को कार्यवाहक अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलती है।