एसपी सिटी का कहना है कि विवि छात्रावासों में अवैध रूप से छात्र रह रहे हैं। उन्हीं की जांच के लिए चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। तारा चंद हास्टल के 58 कमरों में भी अवैध छात्रों का कब्जा पाया गया है। इसके बाद कमरों को सील कर दिया गया है। बता दें कि दो दिन पहले विवि के पीसी बनर्जी हॉस्टल में एक पूर्व छात्र रोहित शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस मामले को मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया और जनहित याचिका कायम कर सुनवाई करते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही प्रमुख सचिव गृह, कमिश्नर प्रयागराज, डीएम व एसएसपी प्रयागराज से भी 22 अप्रैल को कार्रवाई रिपोर्ट तलब की है। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस और प्रशासन की टीमों ने विवि के हॉस्टल में छापेमारी की है।
वहीं ताराचंद हास्टल में रह रहे छात्रों ने पुलिस पर पिटाई और लूट का आरोप लगाया है। छात्रों का आरोप है कि उनके कमरों से पर्स, लैपटॉप और मोबाइल गायब हैं। जिस तरह से पुलिस ने कमरों में तोडफ़ोड़ की है, उससे उनकी पढ़ाई पर असर पड़ेगा। छात्रों का कहना है कि हॉस्टल में रहने वाले कुछ छात्र गलत हो सकते हैं, लेकिन सभी छात्रों के साथ अपराधियों के समान व्यवहार करना कतई उचित नहीं है।
रोहित शुक्ला की हत्या के आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने 25-25 हजार का इनाम घोषित किया था। इसको बढ़ा कर पुलिस ने बुधवार को 50,000 इनाम घोषित करने की संतुति दे दी है। आरोपियों की गिफ्तारी के लिए क्राइम ब्रांच की एक टीम लगाई गई है। हत्याकांड के मुख्य आरोपी आदर्श त्रिपाठी जो बाराबंकी का रहने वाला है, उसके साथ ही अन्य पांच आरोपियों की तलाश में छापेमारी की जा रही है। बुधवार की भोर में कई थानों की फोर्स ताराचंद छात्रावास से पहुंची और वहां अवैध रूप से रहने वालों के कमरों से सामान को बाहर फेंक दिए। पीसीबी छात्रावास में जहां पर अच्युतानंद और रोहित शुक्ला की हत्या हुई उसके कमरा नंबर 19 में हत्यारोपी सौरभ विश्वकर्मा रहता था।
विश्वविद्यालय में पिछले एक दशक से छात्र राजनीति पर अपराध ने अपना कब्जा जमा लिया है। हर बड़ी घटना में विवि का नाम जुड़ता जा रहा है। लेकिन यह माहौल यूं ही नहीं बना। इसके लिए पुलिस प्रशासन भी जिम्मेदार है। अराजकता फैलाने वाले छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होती है, लेकिन राजनीतिक रसूख और नेताओं के दबाव में पुलिस कार्यवाही नहीं करती है। विश्वविद्यालय में तोडफ़ोड़, हमला, रंगदारी यहां तक कि जान से मारने की धमकी जैसे मामलो में 200 से ज्यादा छात्र वांटेड हैं।